बालोद जिले के गुंडरदेही में शनिवार को आयोजित दस्तावेज़ लेखक एवं स्टांप विक्रेता अधिवेशन में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। मंच से उन्होंने भाजपा और वर्तमान प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला और कांकेर में धर्मांतरण के बाद हुई हिंसा को लेकर जवाबदेही तय करने की मांग की।

भूपेश बघेल ने कहा कि धर्मांतरण जैसी समस्याएं नई नहीं हैं और रमन सिंह के शासनकाल में इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पारित किया गया था, जो अब भी राष्ट्रपति भवन में लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बार विधेयक पारित होने के बाद दोबारा नया विधेयक लाना उचित नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हालात को संभालने में नाकाम रही है। उन्होंने भाजपा, RSS, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूरे प्रदेश को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

अधिवेशन में दस्तावेज़ लेखक संघ ने अपनी मांगें भी रखीं। उन्होंने कहा कि दस्तावेज़ लेखन की दरें तय की जाएं, ई-स्टांप प्रणाली पर पुनर्विचार हो और लेखकों को पहचान आईडी प्रदान की जाए। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि यह वाजिब मांगें हैं और सरकार को इन पर ठोस पहल करनी चाहिए।