छत्तीसगढ़ में पूर्व-पश्चिम रेल कॉरिडोर पेंड्रारोड से गेवरारोड रेलवे लाइन पर बन रहे रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों के आवाजाही के लिए के लिए अंडर ब्रिज निर्माण के लिए ग्रामीणों ने काम बंद हड़ताल किया है। ग्रामीणों की माने तो रेलवे कॉरिडोर द्वारा बनाए जा रहे रेल मार्ग से हमारा गांव दो भागों में बांटा जा रहा है, आने-जाने के लिए जो दूसरे अंडरब्रिज का निर्माण किया गया है, वह गांव से काफी बाहर है ऐसे में हमें गांव से दूसरे मोहल्ले जाने के लिए काफी दिक्कत और समस्या उत्पन्न हो जाएगी। रेलवे प्रशासन जब तक हमारे निस्तारी मार्ग पर अंडर ब्रिज तैयार नहीं करेगा हम रेलवे का काम बंद कर आंदोलन करेंगे।

दरअसल रेलवे कॉरिडोर के तहत बनाए जा रहे पेंड्रारोड से गेवरा रोड तक रेलवे लाइन का निर्माण तेज गति से चल रहा है, निर्माण की एजेंसी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड इस पर काम कर रही है। लगभग 90 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन पर पेंड्रारोड सारबहरा, धनगवा, ललाती, कोटमी, मातिन - पसान होकर गेवरा तक जाएगी जहां रेलवे जमीन की सतह के लगभग 50 फीट ऊपर रेलवे ट्रैक बना रही है। इस पर धनगवा गांव के पास एक बड़ी आबादी का हिस्सा रेलवे ट्रैक के दो किलोमीटर के दायरे के मात्र दो अंडर ब्रिज का ही निर्माण किया है, जबकि ग्रामीणों का मानना है कि हमारे गांव के मध्य से वर्षो पुराना सड़क जो गांव के दूसरे हिस्से में है इस बीच के हिस्से से रेलवे ट्रैक जा रही है हमारा गांव दो हिस्सों में बट गया है, निस्तार के साथ-साथ हमारे गांव से लगे अन्य दर्जन भर गांव अंडर ब्रिज नहीं बनने के कारण कट जाएंगे, जिससे हमें काफी परेशानी होगी।

वहीं आज काफी संख्या में महिला बच्चे सहित स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और रेलवे का काम बंद करवा दिया है। ग्रामीणों की मानें तो अंडरब्रिज नहीं बनेगा तो हम रेलवे का काम बंद कर देंगे। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने इस पूरे मामले पर ग्रामीणों के पक्ष को रख रहे हैं उनका कहना है कि रेलवे  प्रशासन अपने खर्चे को कम करने के लिए इस तरीके का निर्माण कर रही है जिससे ग्रामीण परेशान होंगे हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे और इनको न्याय दिला कर रहेंगे। 

हालांकि ग्रामीणों की माने तो पहले भी उनके द्वारा रेलवे के साथ स्थानीय प्रशासन और ठेका कंपनी के लोगों को अपनी परेशानी के बारे में बतलाया गया पर महीनों बीत जाने के बाद भी उनके द्वारा कोई भी समस्या का समाधान नही निकाला गया। हालांकि इस पूरे मामले में इरकान इंटरनेशनल लिमिटेड का कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपनी बात रखने सामने नहीं आया।