छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी की घटना को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। जांजगीर-चांपा में आयोजित कार्यक्रम में नड्डा ने कहा कि जब वे छत्तीसगढ़ के प्रभारी थे, तब उन्होंने झीरम घाटी की घटना देखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय रक्षक ही भक्षक बन गए थे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की हत्या उनके अपने लोगों द्वारा करवाई गई।

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार नक्सलियों के साथ समझौता करती थी और उनके साथ सांठगांठ में लगी थी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में छत्तीसगढ़ ने नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई की। नड्डा ने दावा किया कि अब नक्सलवाद केवल सीमित गांवों और जिलों तक रह गया है और इसे पूरी तरह समाप्त करने की तैयारी हो रही है।

केंद्रीय मंत्री ने भूपेश बघेल की सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में 'वादा करो और भूल जाओ' की नीति अपनाई जाती थी, जबकि मोदी सरकार ने अपनी बात पर अमल किया। नड्डा ने याद दिलाया कि झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को मार डाला, जिसमें उनके अपने लोग भी शामिल थे। उन्होंने कहा, "जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो आम जनता का क्या होगा?"

झीरम घाटी हमला छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सुकमा क्षेत्र में 25 मई 2013 को हुआ था। इस नक्सली हमले में लगभग 33 लोग मारे गए थे, जिनमें कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल थे। यह घटना राजनीतिक काफिले पर किए गए सबसे बड़े नक्सली हमलों में से एक मानी जाती है। कांग्रेस हर साल 25 मई को झीरम शहादत दिवस के रूप में मनाती है।