अंबाला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भारतीय वायुसेना के आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरी। उड़ान से पहले उन्होंने एयरफोर्स की परंपरा के अनुसार फाइटर पायलट सूट पहना और वायुसेना अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान पूरे एयरबेस और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए थे। ड्रोन उड़ाने पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया।

राष्ट्रपति के स्वागत के लिए एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया, जिसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने खुली जिप्सी में खड़े होकर परेड का निरीक्षण किया।

पहले भी भर चुकी हैं फाइटर जेट में उड़ान

यह पहला मौका नहीं है जब राष्ट्रपति मुर्मू ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो। इससे पहले उन्होंने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 MKI में उड़ान भरी थी। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं जिन्होंने फाइटर जेट में उड़ान भरी — उनसे पहले 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने लोहगांव एयरबेस से सुखोई-30 में उड़ान भरकर यह उपलब्धि हासिल की थी।

अंबाला से उड़ान का खास महत्व

राष्ट्रपति का अंबाला से उड़ान भरना प्रतीकात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अंबाला एयरबेस देश के सबसे रणनीतिक ठिकानों में से एक है, जहाँ राफेल विमानों की 17 स्क्वाड्रन "गोल्डन एरो" तैनात है। यही स्क्वाड्रन फ्रांस से आए राफेल विमानों के पहले बैच का संचालन करती है और ऑपरेशन सिंदूर में इस बेस की भूमिका अहम रही थी।

कार्यक्रम में मौजूद रहे शीर्ष अधिकारी

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस मौके पर राफेल विमानों और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े अधिकारियों और जवानों से भी बातचीत की। कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, सहित कई वरिष्ठ रक्षा और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।