दिल्ली के लाल किले के पास हुए आत्मघाती आतंकी हमले और इसमें शामिल व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम जिलों में छापेमारी की। एनआईए की टीम के साथ इस ऑपरेशन में आतंकी डॉ. अदील राथर और उसका साथी जासिर बिलाल भी शामिल थे।
संबंधित सूत्रों के अनुसार, एनआईए टीम को डॉ. अदील और जासिर ने मट्टन, अनंतनाग के ऊपरी इलाके में एक विशेष व्यक्ति के घर और आसपास के जंगलों में ले जाकर निशानदेही कराई। इसके अलावा उन्हें काजीगुंड के पास एक पहाड़ी पर भी ले जाया गया, जहां आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों से मुलाकात की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि डॉ. अदील राथर और जासिर बिलाल ने उन्हें उन स्थानों का भी पता दिया, जहां उन्होंने कथित तौर पर ड्रोन के माध्यम से हथियार चलाने और आईईडी लगाने का अभ्यास किया था।
डॉ. अदील राथर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर और मेरठ से गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर गत माह जीएमसी अस्पताल, अनंतनाग के एक लॉकर से असॉल्ट राइफल बरामद हुई थी। वहीं, डॉ. अदील का बड़ा भाई मुजफ्फर अभी फरार है और उसके अफगानिस्तान में छिपे होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि जासिर आत्मघाती हमलावर बनने की तैयारी कर रहा था, लेकिन बाद में उसने यह विचार बदल लिया। कथित तौर पर उसने विस्फोटक बनाने, ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की योजना बनाई थी। इस दौरान उसका अभ्यास पूरी तरह सफल नहीं हुआ। जासिर के पिता ने उसके आतंकी बनने से निराश होकर 16 नवंबर को आत्मदाह किया था, और अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई।
एनआईए ने डॉ. अदील और जासिर की निशानदेही पर कुछ उपकरण और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की है, जिनकी जांच की जाएगी। अन्य विवरणों की प्रतीक्षा है।