झारखंड में पुलिस इतिहास में एक नई मिसाल कायम हुई है। ओडिशा की बेटी और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को 6 नवंबर 2025 से कार्यवाहक डीजी और आईजी (डीजीपी) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह कदम न केवल पुलिस प्रशासन में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
ओडिशा से झारखंड तक का सफर
1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ओडिशा में जन्मी हैं। झारखंड के गठन के बाद वे इसी कैडर में शामिल हुईं। अपने लगभग तीन दशक के करियर में उन्होंने बोकारो की एसपी, रेलवे एडीजी और गृह, जेल एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। प्रशासनिक दक्षता, कर्तव्यनिष्ठा और महिला सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वे हमेशा चर्चा में रही हैं।
नियुक्ति का महत्व और नई उम्मीदें
तदाशा मिश्रा की नियुक्ति को झारखंड पुलिस में नए दृष्टिकोण और नेतृत्व की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है। राज्य में अपराध, नक्सल प्रभाव और सामाजिक असमानता जैसे गंभीर मुद्दों के बीच एक महिला अधिकारी का शीर्ष पद संभालना एक बदलाव की निशानी है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी बढ़ाने, कानून-व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और जनता-केंद्रित पुलिसिंग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएंगी।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि, तदाशा मिश्रा के सामने चुनौतियां भी हैं। राज्य में अपराध नियंत्रण, साइबर अपराध और नक्सली गतिविधियां अब भी गंभीर हैं। साथ ही, उनकी सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर 2025 को तय है, इसलिए सीमित अवधि में उन्हें अपनी प्राथमिकताओं को तेजी से लागू करना होगा।
महिला नेतृत्व का प्रतीक
तदाशा मिश्रा की इस नियुक्ति ने झारखंड और पूरे देश में महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का काम किया है। पुलिस जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में शीर्ष पद तक पहुंचकर उन्होंने नई मिसाल कायम की है। उनके गृह राज्य ओडिशा में भी उनकी उपलब्धि पर गर्व का माहौल है।