मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) क्रेडिट सोसायटी के आगामी चुनाव में संयुक्त रूप से हिस्सा लेने का फैसला किया है। यह कदम स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच बढ़ती राजनीतिक निकटता का प्रतीक माना जा रहा है। इस चुनाव के लिए दोनों दलों ने ‘उत्कर्ष पैनल’ का गठन किया है, जो 18 अगस्त को होने वाले चुनाव में मैदान में उतरेगा।

इस पैनल में कुल 21 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 18 शिवसेना (यूबीटी) के हैं, दो मनसे के और एक अनुसूचित जाति-जनजाति संघ का प्रतिनिधि है। इस संबंध में जानकारी बेस्ट कामगार सेना के प्रमुख सुहास सामंत ने दी। उन्होंने बताया कि फिलहाल क्रेडिट सोसायटी शिवसेना (यूबीटी) के नियंत्रण में है और इसके सदस्य बेस्ट के कर्मचारी ही हैं।

बेस्ट क्रेडिट सोसायटी चुनाव बेस्ट उपक्रम के कर्मचारियों की सहकारी ऋण समिति का वार्षिक चुनाव होता है, जिसमें केवल सोसायटी के सदस्य कर्मचारियों को मतदान का अधिकार होता है। इस चुनाव के जरिए तय होता है कि सोसायटी के प्रबंधन और वित्तीय निर्णय किस पैनल के हाथ में होंगे। यह संस्था कर्मचारियों को कर्ज, बचत और अन्य वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

मनसे की बेस्ट में ताकत सीमित है, लेकिन यह गठजोड़ दोनों दलों को साझा मंच प्रदान करता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह साझेदारी स्थानीय निकाय चुनावों में एक साथ आने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। सुहास सामंत ने कहा कि यह चुनाव दोनों दलों के गठबंधन का ‘परीक्षण’ साबित हो सकता है।

सामंत ने यह भी आरोप लगाया कि महायुति सरकार बेस्ट को बंद करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस गठजोड़ का प्रमुख उद्देश्य बेस्ट को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक साथ लाना है। सामंत ने कहा कि यह गठबंधन केवल राजनीतिक गठजोड़ नहीं है, बल्कि बेस्ट कर्मचारियों और मुंबई की जनता के हित में है।

बेस्ट क्रेडिट सोसायटी का चुनाव 18 अगस्त को होगा, जो दोनों दलों के गठबंधन की ताकत का पहला आकलन होगा। यदि यह साझेदारी सफल रही, तो आने वाले महानगरपालिका चुनाव और अन्य स्थानीय चुनावों में भी इसका विस्तार हो सकता है। इस नए गठबंधन को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।