लद्दाख में हालिया हिंसा के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लेह में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। वांगचुक ने कहा कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, वे जेल में रहने को तैयार हैं। उन्हें 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के नेता सज्जाद कारगिली ने सोनम का संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया। उनके बड़े भाई कात्सेतन दोरजे ले और वकील मुस्तफा हाजी ने 4 अक्टूबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में उनसे मुलाकात की।
सोनम वांगचुक ने अपने संदेश में कहा कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और सभी की चिंता व प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने अपनी जान गंवाई और जो लोग घायल या गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लद्दाख के चार लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए।
सोनम ने यह भी कहा कि वे छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा पाने की वास्तविक संवैधानिक मांग में केडीए और लद्दाख के लोगों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़े हैं। उन्होंने लोगों से शांति और एकता बनाए रखने और अहिंसात्मक, गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रखने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पर सुनवाई
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की 6 अक्टूबर की कार्यसूची के अनुसार, यह याचिका न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एन.वी. अंजनिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। वांगचुक को 26 सितंबर को लद्दाख में हुए प्रदर्शन के दो दिन बाद NSA के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह प्रदर्शन लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे।