बहराइच: महाराजगंज हिंसा में अपनी जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्र की पत्नी रोली मिश्रा ने आरोपितों को फांसी की सजा देने की मांग दोहराई है। न्यायालय के एक साल बाद आए फैसले से उन्हें आंशिक संतुष्टि मिली है, लेकिन जिन लोगों को बरी किया गया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग वह कर रही हैं।
रोली मिश्रा का विवाह 20 जुलाई 2024 को रामगोपाल मिश्र के साथ हुआ था। जीवन में कई सपने संजोए रोली को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही महीनों बाद वह विधवा हो जाएगी। वह कहती हैं, “आज भी मुझे याद है कि कैसे हंसते हुए पति को विसर्जन जुलूस में जाते देखा था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उनका शव घर पहुंचा। यह यादें मुझे आज भी सिहरन देती हैं।”
न्यायालय ने मंगलवार को 10 आरोपितों को दोषी ठहराया। इसके बाद रोली ने सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। साथ ही, जिन आरोपितों को साक्ष्यों की कमी के कारण बरी किया गया, उनके खिलाफ भी गहन जांच कर कार्रवाई की मांग की।
सरकार ने रोली मिश्रा को नानपारा चीनी मिल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर नौकरी दी है। मृतक के माता-पिता कैलाशनाथ और मुन्नी देवी तथा भाई हरमिलन भी चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान रामगोपाल की गोली मारकर हत्या करने के दो आरोपितों को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। हत्या के मामले में अब्दुल हमीद, रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम, राजा उर्फ शाहिर खान, ननकऊ व मारूफ अली समेत 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्य आरोपित रिंकू उर्फ सरफराज और तालिम उर्फ सबलू को पुलिस ने नेपाल भागते समय हांड़ा बसहरी के पास मुठभेड़ में पकड़ लिया था।