यूपी में सामने आए कफ सिरप घोटाले की जांच को तेज़ करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार सुबह व्यापक कार्रवाई शुरू की। एजेंसी की टीमों ने कथित सिंडिकेट से जुड़े 25 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। ये छापे लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, अहमदाबाद और रांची में चलाए गए। लखनऊ में मुख्य आरोपी माने जा रहे आलोक सिंह के ठिकानों की भी तलाशी ली गई।

इससे पहले, कोडीन मिश्रित कफ सिरप और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में लखनऊ पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए दीपक मानवानी के दो सहयोगियों सूरज मिश्र और प्रीतम सिंह को भी हिरासत में लिया। इनके तीसरे साथी आरुष सक्सेना की तलाश अभी जारी है।

पहले भी जब्त हुआ था भारी मात्रा में कफ सिरप

एसीपी कृष्णानगर रजनीश वर्मा ने बताया कि औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने 11 अक्टूबर को दीपक मानवानी के घर पर छापा मारकर कोडीन युक्त सिरप, टैबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन की बड़ी खेप बरामद की थी। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में दीपक ने बताया था कि वह यह प्रतिबंधित दवाएं सूरज और प्रीतम से खरीदकर नशे के आदी लोगों को बेचता था। इसी आधार पर दोनों को आरोपी बनाकर पुलिस उनकी तलाश में थी।

गुरुवार को पुलिस ने बैकुंठ धाम वीआईपी रोड के पास से दोनों को पकड़ लिया। जांच में पता चला कि सूरज मिश्र मूल रूप से सीतापुर के अटरिया सदनपुर का निवासी है और ‘न्यू मंगलम आयुर्वेदिक’ नाम से दवा एजेंसी चलाता है। वहीं प्रीतम सिंह, जो बहराइच के बाडी राजा गांव का रहने वाला है, लखनऊ के पुरनिया इलाके में एक फैमिली रेस्टोरेंट में काम करता है।