लखनऊ हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने राजधानी के ईश्वरीखेड़ा क्षेत्र में मंदिर के ठीक सामने महज़ 25 मीटर की दूरी पर संचालित हो रही देशी शराब की दुकान पर कड़ी आपत्ति जताई है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि धार्मिक स्थल के इतने निकट शराब की बिक्री किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। न्यायालय ने लाइसेंसधारी को दुकान हटाने के लिए 19 दिसंबर तक का समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने राजेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। याचिका में दावा किया गया था कि दुकान की लोकेशन नियमों का उल्लंघन है और इससे स्थानीय लोगों में विरोध भी है।

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने बताया कि विभागीय नोटिस मिलने के बाद लाइसेंसधारी पहले ही दुकान को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के लिए एक महीने का समय मांग चुका है, जिसकी अवधि 19 दिसंबर को पूरी होगी। अदालत ने इस तथ्य को संज्ञान में लेकर अगली सुनवाई भी 19 दिसंबर के लिए नियत कर दी।

गौरतलब है कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने विभूति खंड क्षेत्र में लोहिया संस्थान के पास स्थित शराब की दुकान के मामले में सख्ती दिखाई थी। उस मामले में अदालत ने दुकान के आसपास पुलिस बल तैनात करने के आदेश भी दिए थे।