उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश के सभी थानों में होमगार्ड स्वयंसेवकों के लिए विशेष कक्ष आरक्षित करने और जवानों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के निर्देश दिए। ये घोषणाएँ उन्होंने होमगार्ड संगठन के 63वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर मुख्यालय में परेड की सलामी लेने के बाद की।
सेवा, अनुशासन और राष्ट्रहित का संदेश
सीएम योगी ने होमगार्ड जवानों को सेवा का मूलमंत्र याद दिलाया। उन्होंने कहा, "सेवा ही सम्मान है, अनुशासन ही पहचान है और राष्ट्रहित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने बताया कि 1963 से होमगार्ड प्रदेश पुलिस का सुरक्षा कवच रहा है। अब तक पहले उपेक्षित रहे जवानों को राष्ट्रपति और गृह मंत्रालय का सम्मान भी मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने होमगार्ड की महत्वपूर्ण भूमिकाओं का भी उल्लेख किया, जिसमें कानून-व्यवस्था बनाए रखना, यातायात संचालन, डायल 112, चुनावी सुरक्षा, जेल सुरक्षा, आपदा नियंत्रण, सार्वजनिक भवन सुरक्षा, महाकुंभ और परीक्षाओं में सहायता शामिल है। कोविड-19 के दौरान होमगार्ड जवानों ने अपने जीवन की परवाह किए बिना प्रवासी कामगारों को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
सुविधाएँ और भत्तों में सुधार
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि ड्यूटी के दौरान दिवंगत जवानों के परिवारों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जा रही है। अब तक 2,871 जवानों के आश्रितों को कुल 143 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्रदान की जा चुकी है। इसके साथ ही दैनिक, प्रशिक्षण और अंतर-जनपदीय भत्तों में वृद्धि की गई है।
विभागीय कार्यालयों और आवासीय भवनों के निर्माण को भी गति दी गई है। वर्तमान में 44 कार्यालय अपनी इमारतों से संचालित हो रहे हैं, जबकि नौ भवनों का निर्माण कार्य जारी है। मुख्यालय परिसर में कर्मचारियों के लिए जी-प्लस-इलेवन आवास भी निर्माणाधीन हैं।
बीमा सहायता और डिजिटल पहल
प्रदेश में आपदा मित्रों की नियुक्ति की जा रही है और होमगार्ड विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग के सहयोग से चार हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया है। दुर्घटना में जवान की मृत्यु होने पर परिजनों को 35 से 40 लाख रुपये तक की बीमा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। विभाग ने वेबसाइट और होमगार्ड मित्र एप के माध्यम से उपस्थिति, भत्तों और भुगतान को पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल बना दिया है।
कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति, प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह और महानिदेशक एमके बशाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और जवान मौजूद रहे।