उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से पुलिस महकमे की छवि को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। अमरोहा पुलिस ने बलात्कार के झूठे मुकदमे और फर्जी एनकाउंटर की धमकी देकर वसूली करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह का कथित मास्टरमाइंड यूपी पुलिस का एक दरोगा बताया जा रहा है।

पुलिस के अनुसार, गिरोह का सरगना दरोगा नितिन कुमार है, जो वर्तमान में हापुड़ जिले के थाना सिंभावली में तैनात है। आरोप है कि वह हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के साथ मिलकर हनी ट्रैप के जरिए लोगों को फंसाता था और फिर उन्हें गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी देकर धन वसूली करता था।

छह लोगों का गिरोह, सवा लाख की वसूली का आरोप

इस गिरोह में दरोगा नितिन कुमार के अलावा हिस्ट्रीशीटर खालिद और दीपक, पीआरडी जवान लाखन, नवीन वर्मा और एक महिला कौशर शामिल बताए गए हैं। आरोप है कि इन लोगों ने युवक नईम को जबरन बंधक बनाकर गजरौला थाने के सामने एनकाउंटर और दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दी और उससे करीब सवा लाख रुपये वसूले।

शिकायत पर हुई कार्रवाई, कई आरोपी गिरफ्तार

पीड़ित युवक की शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मामले की जांच कराई गई। जांच के आधार पर अमरोहा पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर खालिद, दीपक, पीआरडी जवान लाखन और महिला कौशर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

फरार आरोपियों दरोगा नितिन कुमार और नवीन वर्मा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं। मामले की गहन जांच जारी है।

हापुड़ में भी विवादों से जुड़ चुका है नाम

पुलिस सूत्रों के अनुसार, दरोगा नितिन कुमार इससे पहले हापुड़ में तैनाती के दौरान भी विवादों में घिर चुका है। आरोप है कि उसने देहरादून के एक भूमाफिया के साथ मिलकर जमीन कब्जाने के इरादे से अपने ही क्षेत्र में फायरिंग कर मुकदमा दर्ज कराया था, ताकि दबाव बनाया जा सके। उस समय तैनात सीओ ने मामले को संदिग्ध मानते हुए जांच कराई थी और कुछ ही घंटों में सच्चाई सामने आने पर दरोगा को निलंबित कर दिया गया था।

पुलिस व्यवस्था पर उठे सवाल

इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद पुलिस विभाग की निगरानी व्यवस्था और आंतरिक अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जा रही है।