आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र शास्त्री 7 नवंबर से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक 10 दिन की पदयात्रा पर निकलने वाले हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हर गांव और गली में जाकर हिंदू समाज में जागृति और एकता का संदेश देना है।
धीरेंद्र शास्त्री ने एक साक्षात्कार में बताया कि यह पदयात्रा किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज में आपसी भाईचारा और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा, "हम धर्म और जाति के नाम पर हो रहे संघर्षों से ऊपर उठकर राष्ट्र के लिए जीने का संदेश देना चाहते हैं। यही हमारी यात्रा का मूल उद्देश्य है।"
गुरु शास्त्री ने बताया कि उनका लक्ष्य जातिवाद और सांप्रदायिक झगड़ों से उत्पन्न नकारात्मकता को रोकना है। उन्होंने कहा, "हिंदुओं की घटती संख्या और उनके प्रति बढ़ते भय को केवल चेतना और जागरूकता से ही संतुलित किया जा सकता है। इसके लिए हमें हर गांव, हर नुक्कड़, हर गली में लोगों तक पहुंचना होगा।"
उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर भी अपनी बात रखी। शास्त्री ने कहा, "हम तलवारबाजी या हिंसा में विश्वास नहीं रखते। हमारी लड़ाई केवल विचारों की है। ‘सर तन से जुदा’ जैसे बयानों का समर्थन नहीं करते। जब हम ‘आई लव महादेव’ कहते हैं, तो इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। हमारी दिशा हमेशा संविधान और कानून के अनुरूप रही है।"