वाराणसी। बीएचयू परिसर में देर रात छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच तीखा संघर्ष हो गया। एलडी गेस्ट हाउस चौराहे के पास अचानक शुरू हुई पत्थरबाजी और धक्का-मुक्की ने हालात बेकाबू कर दिए। अफरा-तफरी में चौराहे पर रखे करीब दस से अधिक गमले, कुर्सियाँ और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। भिड़ंत में 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान तमिल संगमम से जुड़े ‘वणक्कम काशी’ के बड़े पोस्टर भी फाड़ दिए गए।
बुधवार को 216 छात्रों के स्वागत कार्यक्रम की तैयारियों के बीच आधा किलोमीटर क्षेत्र में ईंट—पत्थर बिखरे मिले। झड़प के दौरान ब्रोचा हॉस्टल का एक विज्ञान छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। छात्र ने बताया कि वह घटनास्थल से गुजर रहा था तभी दोनों ओर से चल रही पत्थरबाजी और लाठियों की मार में फँस गया। विवाद के बीच 50 से ज्यादा छात्र, 40 सुरक्षाकर्मी और 10 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए। कई छात्र गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
स्थिति बिगड़ने पर तीन थानों की पुलिस, 10 चौकियों के जवान और पीएसी की चार ट्रक फोर्स मौके पर पहुँची। करीब तीन घंटे तक कैंपस में तनाव बना रहा। 300 से ज्यादा छात्रों और लगभग 200 सुरक्षाकर्मियों के बीच लगातार खदेड़ने और जवाबी नारेबाज़ी का दौर चलता रहा।
छात्रों का आरोप है कि राजाराम हॉस्टल के पास एक वाहन चालक ने एक छात्रा को टक्कर मार दी थी। जब छात्र शिकायत लेकर पहुँचे तो कहासुनी बढ़ गई। वहीं प्रॉक्टोरियल बोर्ड का कहना है कि विवाद की शुरुआत कुछ नकाबपोश छात्रों द्वारा एक अन्य छात्र की पिटाई से हुई। उन्हें पकड़कर बोर्ड को सौंपा गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टल से बाहर आकर सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए।
घायल छात्रों को न्याय दिलाने की मांग लेकर छात्र कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। इसी दौरान तनाव बढ़ा और अचानक पत्थर फेंके जाने लगे। गुस्साए छात्रों ने एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर रखे सजावटी गमले तोड़ दिए और एक-दूसरे का पीछा करते रहे।
चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिव प्रकाश सिंह के अनुसार, “अभी तक किसी पक्ष से औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।”