गोरखपुर। खुद को आईएएस अधिकारी बताकर करोड़ों रुपये की ठगी करने के मामले में पुलिस जांच के साथ-साथ रोज नए चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह ने लोगों को भरोसे में लेने के लिए एक पूरी टीम तैयार कर रखी थी। उसके करीबी दोस्त कभी स्टेनोग्राफर तो कभी पीआरओ बनकर उसके साथ रहते थे, जिससे मुलाकात करने वालों को सरकारी तंत्र जैसा माहौल महसूस होता था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सरकारी गाड़ियों जैसी दिखने वाली महंगी कारों, लगातार फोन कॉल्स और अफसराना भाषा का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित करता था। आशंका जताई जा रही है कि यह गिरोह सुनियोजित तरीके से कई राज्यों में सक्रिय था। जांच में आरोपियों की लोकेशन कोलकाता और बिहार में सामने आई है, जहां दबिश के लिए टीमें लगाई गई हैं।
होटल में होती थीं मुलाकातें, खर्च पीड़ित से वसूलता था आरोपी
ठगी का शिकार बने बिहार के मोकामा निवासी ठेकेदार माधव मुकुंद ने पुलिस को बताया कि आरोपी से हर मुलाकात किसी न किसी होटल में कराई जाती थी। आरोपी अपने साथ एक युवती को भी रखता था, जिसे वह अपनी भांजी बताता था। होटल में ठहरने, खाने-पीने और अन्य खर्चों का भुगतान मुकुंद से ही कराया जाता था।
मुकुंद के अनुसार, हर बैठक में किसी न किसी बहाने से पैसे मांगे जाते थे—कभी फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर, तो कभी वरिष्ठ अधिकारियों को मैनेज करने की बात कहकर। आरोपी दबाव बनाता था कि अगर समय पर पैसे नहीं दिए गए तो काम अटक सकता है या ऊपर तक गलत संदेश चला जाएगा। जब रकम लौटाने या काम पूरा होने की बात की जाती तो वह टालमटोल करने लगता था।
24 बॉडीगार्ड और लग्जरी काफिला देख पुख्ता हुआ भरोसा
माधव मुकुंद ने बताया कि सितंबर 2024 में पहली मुलाकात बिहार के अररिया जिले के एक होटल में हुई थी। आरोपी कई लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचा था। उसके साथ हथियारबंद करीब दो दर्जन बॉडीगार्ड मौजूद थे। कमरे से बाहर निकलते ही गार्ड ‘जय हिंद सर’ कहते हुए सलामी देते थे। इस पूरे दृश्य ने आरोपी के बड़े अधिकारी होने का भरोसा मजबूत कर दिया।
एक परिचित के जरिए हुई मुलाकात के दौरान आरोपी लगातार ईयरफोन लगाए फोन पर बातें करता रहा और खुद को छापेमारी से लौटता हुआ बता रहा था। वह दावा करता था कि उसकी कार्रवाई अगले दिन अखबारों में छपेगी, जिससे शक की कोई गुंजाइश नहीं बची।
‘भांजी’ कहकर युवती को ले गया कमरे में, बाद में हुआ शक
रात के समय एक सजी-संवरी युवती होटल पहुंची, जिसे आरोपी ने सबके सामने अपनी बहन की बेटी बताया और कमरे में ले गया। पूरी रात दोनों कमरे से बाहर नहीं निकले। सुबह एक गार्ड ने मजाक में युवती को ‘भाभी’ कह दिया, जिससे पहली बार ठेकेदार को संदेह हुआ, हालांकि आरोपी के रुतबे को देखकर उन्होंने सवाल नहीं उठाया।
500 करोड़ के ठेके का झांसा देकर ऐंठे करोड़ों
पुलिस को दिए बयान में मुकुंद ने बताया कि अप्रैल 2025 में पटना में हुई दूसरी मुलाकात के दौरान आरोपी ने बड़े सरकारी ठेके दिलाने की बात कही। खुद को गोरखपुर के गुलरिहा क्षेत्र का निवासी बताकर उसने 500 करोड़ रुपये के ठेके का झांसा दिया। बाद में 450 करोड़ के ठेके से जुड़े दस्तावेज और अखबार की कटिंग भी व्हाट्सएप पर भेजी गई।
इसी भरोसे में तीन-चार महीनों के भीतर आरोपी ने मुकुंद से पांच करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च करा ली और महंगी गाड़ियां भी अपने नाम करवाईं।
नेटवर्क खंगालने में जुटी पुलिस
सीओ गोरखनाथ रवि सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। आरोपी के सहयोगियों और पूरे नेटवर्क की पहचान की जा रही है। जल्द ही इस संगठित ठगी गिरोह पर पूरी तरह शिकंजा कसा जाएगा।