मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाराबंकी के पद्मश्री प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा के हाइटेक फार्म पर आयोजित “खेती की बात, खेत पर” कार्यक्रम में किसानों और गांवों को प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए कहा कि अब नीतियां सचिवालय में बैठकर नहीं, बल्कि सीधे किसानों के खेतों में जाकर बनाई जाएंगी। उनका उद्देश्य है कि योजनाओं का प्रभाव हर गांव तक पहुंचते हुए किसानों की उद्यमशीलता और उन्नत खेती को बढ़ावा मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने किसानों को बीज से लेकर बाजार तक सीधी सुविधा उपलब्ध कराकर बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी है। अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार लाभ मिलेगा। उन्होंने आगामी चुनाव 2027 की तैयारी के तहत गांवों और किसानों को शीर्ष एजेंडे में शामिल करने का संदेश भी दिया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के दोगुना आय के संकल्प को पूरा करने के बाद अब किसानों को “तीन गुना आय” के लक्ष्य के लिए खेती करने की दिशा निर्देशित की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को नौ क्लाइमेट जोन में विभाजित कर बीज और कीटनाशकों की अलग उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि प्रदेश की कृषि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम से लखनऊ में उन्नत बीजों के लिए सीड्स पार्क भी विकसित किया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि प्रदेश के दो करोड़ आठ लाख किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत लाभ मिल रहा है, जिससे अन्न, फल और सब्जियों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी बन रहा है। तकनीक और नवाचार अपनाकर किसान अब अपने खेतों से सीधे समृद्धि हासिल कर रहे हैं।

कार्यक्रम में पद्म पुरस्कार विजेता रामसरन वर्मा की आलू, टमाटर और केला की हाईटेक खेती का अवलोकन किया गया। रामसरन वर्मा ने एक एकड़ में 250 क्विंटल आलू उत्पादन करके किसानों के लिए नए आयाम स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले और गांव में किसान पाठशालाओं के माध्यम से नई तकनीक और विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश की कृषि न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मानक स्थापित कर सके।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री बलदेव अलख, जिला प्रभारी मंत्री सुरेश राही और राज्यमंत्री सतीश शर्मा भी मौजूद रहे।