रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ स्थित डॉ. केएनएस मेमोरियल अस्पताल के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि देश की सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि आतंकियों पर हमारी सेना ने इस तरह वार किया है जैसे कोई कुशल सर्जन रोग की जड़ पर सटीक चीरफाड़ करता है। सेना ने केवल आतंकवाद के ठिकानों को निशाना बनाया, आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखा गया।
उन्होंने कहा, “हम सीमा पार आतंकवादियों का इलाज करते हैं। उन्हें कुचलने के लिए हमारी रणनीति इतनी सटीक रही कि पाकिस्तान की सेना भी घुटनों पर आ गई।” रक्षा मंत्री ने सेना की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि सैनिक और डॉक्टर दोनों ही समाज की सेवा में समर्पित होते हैं और नागरिकों की रक्षा करना इनका प्रमुख उद्देश्य होता है।
केएनएस अस्पताल की 25वीं वर्षगांठ पर भावुक हुए रक्षामंत्री
कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने डॉ. के एम सिंह के सेवा भाव को याद करते हुए कहा कि 25 वर्ष पहले जब इस अस्पताल की नींव रखी गई थी, तब से उनका समर्पण उन्हें प्रेरित करता रहा है। उन्होंने बताया कि डॉ. सिंह अमेरिका में एक आरामदायक जीवन जी सकते थे, लेकिन उन्होंने भारत आकर सेवा का मार्ग चुना और ‘ब्रेन ड्रेन’ के बजाय ‘ब्रेन गेन’ का उदाहरण पेश किया।
उन्होंने यह भी साझा किया कि 1997 में डॉ. सिंह की मां का निधन इलाज की कमी के कारण हो गया था, जो उनके जीवन का एक दुखद मोड़ था। लेकिन इस निजी पीड़ा को उन्होंने सकारात्मक दिशा में मोड़ते हुए इसे एक जनसेवा के मिशन में बदल दिया।
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर जताई चिंता
रक्षा मंत्री ने आधुनिक जीवनशैली से उपजने वाली बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत अब डायबिटीज के मामलों में अग्रणी होता जा रहा है, जहां करीब 10 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि यह सोचने का समय है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। साथ ही डॉक्टरों को समाज का असली नायक बताते हुए उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान डॉक्टरों की भूमिका अमूल्य रही है, और हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।