प्रयागराज बाढ़ संकट: गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के करीब, राहत शिविरों में बढ़ती भीड़

प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। गुरुवार सुबह आठ बजे सिंचाई विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार नैनी में यमुना 84.9 मीटर और फाफामऊ में गंगा 84.39 मीटर पर बह रही हैं, जबकि खतरे का निशान 84.734 मीटर है। बढ़ते पानी ने शहर के कई इलाकों में बस्तियों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। अब तक दो हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं और बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं।

छह राहत शिविर खुले, दो हजार से ज्यादा ने ली शरण
करीब तीन दर्जन मोहल्लों के हजारों परिवार बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने छह राहत शिविर खोले हैं, जिनमें बुधवार शाम तक दो हजार से ज्यादा लोग पहुंच चुके थे। प्रभावित इलाकों में अशोक नगर, नेवादा, राजापुर, बेली, सलोरी और बघाड़ा शामिल हैं। कई बस्तियों में घरों के भीतर तक पानी घुस गया है, जिसके चलते लोग सामान ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट करने को मजबूर हैं।

सेंट जोसेफ बालिका स्कूल बना राहत शिविर
मम्फोर्डगंज स्थित सेंट जोसेफ बालिका स्कूल में भी बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित पहुंचे। शुरुआत में व्यवस्थाओं को लेकर विवाद हुआ, लेकिन देर शाम एसडीएम अभिषेक सिंह के हस्तक्षेप के बाद स्कूल को राहत शिविर के रूप में खोल दिया गया। यहां भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई।

जलस्तर में धीमी रफ्तार से वृद्धि जारी
गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार शाम तक फाफामऊ में गंगा प्रति घंटे 4.25 सेंटीमीटर और नैनी में यमुना तीन सेंटीमीटर बढ़ी। हालांकि बढ़ोतरी की रफ्तार पहले से धीमी हुई है, फिर भी अगले कुछ दिनों तक स्थिति गंभीर बनी रहने की आशंका है।

प्रशासन अलर्ट, अपील जारी
सदर तहसील के कछार मऊ, मऊ सरैया, राजापुर देह माफी, बघाड़ा, नेवादा, बेली कछार, सलोरी, शिवकुटी, दारागंज समेत कई गांव और मोहल्ले जलमग्न हैं। प्रशासन ने नावों और मोटरबोट की तैनाती की है और प्रभावित लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि राहत शिविरों में सभी इंतजाम किए गए हैं और जरूरत पड़ने पर और शिविर खोले जाएंगे।

कंट्रोल रूम नंबर : 0532-2641577, 0532-2641578, 0532-2641597, 0532-2641598, 1077

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