उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रविंद्रपल्ली इलाके में एक 90 वर्षीय महिला बेला चक्रवर्ती और उनके 65 वर्षीय बेटे असीम चक्रवर्ती का शव उनके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। दोनों के शरीर का नीला पड़ जाना घटना को और रहस्यमयी बना रहा है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया, लेकिन पोस्टमॉर्टम में देरी और रिश्तेदारों की उदासीनता ने मामले को और पेचीदा बना दिया। इलाके में चर्चा है कि इस घटना के पीछे करोड़ों की संपत्ति का विवाद हो सकता है।
परिवार की पृष्ठभूमि
बेला चक्रवर्ती अपने बेटे असीम के साथ रविंद्रपल्ली के घर में रहती थीं। उनके पति प्रकाश चंद्र का कुछ साल पहले निधन हो चुका था। परिवार का खर्च बेला की पेंशन से चलता था। उनके दो अन्य बेटे—अमित और रंजीत—भी अब नहीं रहे। असीम और रंजीत ने शादी नहीं की थी, जिससे असीम और उनकी मां एक-दूसरे के अकेले सहारा थे।
घटना का पता कैसे चला
शनिवार को पड़ोस में काम कर रहे एक मजदूर ने असीम को घर के पोर्टिको में बेसुध पड़ा देखा। पहले उसने इसे उनकी शराब की लत का असर समझा, लेकिन देर शाम तक असीम उसी हालत में पड़े रहे। इसके बाद मजदूर ने मकान मालिक को सूचित किया और पुलिस को बुलाया। घर के अंदर पुलिस ने बेला का शव भी पाया। दोनों के शरीर नीले पड़ चुके थे, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है।
संपत्ति को लेकर उठ रहे सवाल
इलाके में चर्चा है कि बेला और असीम की मौत उनके संपत्ति विवाद से जुड़ी हो सकती है। रविंद्रपल्ली में उनका मकान और बीबीडी इलाके में अन्य संपत्ति की कीमत करोड़ों में है। पुलिस ने घर से कई खाली और भरी शराब की बोतलें और गंदगी बरामद की, जो असीम की शराब की लत की ओर संकेत करती हैं।
रिश्तेदारों ने नहीं लिया अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी
शव मिलने के बाद पुलिस ने रिश्तेदारों को सूचित किया, लेकिन उन्होंने पंचनामे और अंतिम संस्कार में शामिल होने से इनकार कर दिया। पुलिस अब लावारिस शवों की तरह पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है।
मौत का मूक गवाह: टोजो
बेला और असीम का जर्मन शेफर्ड टोजो इस घटना का मूक गवाह बना। दोनों की मौत के बाद टोजो उदास दिखा, खाना नहीं खाया और घर-छत में घूमता रहा। अंततः एक एनजीओ की मदद से उसे सुरक्षित ले जाया गया।
पड़ोसियों की राय
पड़ोसियों का कहना है कि बेला मिलनसार और हंसमुख थीं, जबकि असीम का स्वभाव अलग था। वह शराब की लत की वजह से समाज से कट गया था और रिश्तेदार भी उससे दूरी बनाए रखते थे। पड़ोसियों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या इस दूरी के पीछे प्रॉपर्टी विवाद था या असीम का व्यवहार।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण सामने आएगा। रविंद्रपल्ली का यह मकान अब रहस्य का प्रतीक बन चुका है। टोजो की उदास आंखें और इलाके की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बनाती हैं। अब यह देखना बाकी है कि रहस्य कब सुलझेगा।