उत्तराखंड में पिछले वर्ष हुए राज्य के सबसे बड़े साइबर हमले के बाद आईटी विशेषज्ञों ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नई तकनीक का सफल प्रयोग शुरू किया है। विशेषज्ञों की टीम ने एक उन्नत हनी पोट सिस्टम तैयार किया है, जिसने साइबर अपराधियों की कई कोशिशों को असफल कर राज्य के डाटा सेंटर को अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान किया है।

राज्य सरकार ने केंद्रीय CERT-In की तर्ज पर CERT-उत्तराखंड का गठन किया है, जिसमें आईआईटी सहित विभिन्न तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इन्हीं विशेषज्ञों ने मिलकर एक ऐसा हनी पोट विकसित किया है, जो बिल्कुल वास्तविक डाटा सेंटर जैसा दिखाई देता है।

आमतौर पर साइबर अपराधी इसे असली सर्वर समझकर हमला करते हैं, लेकिन जैसे ही वे इस नकली क्लोन में प्रवेश करते हैं, उनकी पूरी गतिविधि CERT टीम की निगरानी में आ जाती है। इसके बाद विशेषज्ञ तुरंत हमले को निष्क्रिय कर देते हैं। इस तकनीक के लागू होने के बाद से कई गंभीर हमले इसी जाल में फंसकर बेअसर हो चुके हैं।

हर साल बढ़ रहे साइबर हमले

उत्तराखंड में साइबर हमलों के आंकड़े हर वर्ष तेजी से बढ़े हैं। 2017 में जहां केवल 117 हमले दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 20,41,360 तक पहुंच गई। औसतन राज्य में हर सप्ताह लगभग डेढ़ लाख साइबर हमले दर्ज किए जा रहे हैं।

सीईआरटी-उत्तराखंड के एजीएम साइबर सुरक्षा डॉ. आशीष उपाध्याय ने बताया कि हनी पोट सिस्टम ने राज्य के डाटा सेंटर को नई मजबूती दी है और यह लगातार कई बड़े साइबर हमलों को रोकने में सक्षम साबित हो रहा है।