वाराणसी समेत पूरे यूपी में पावर ऑफ अटॉर्नी के शुल्क पर बदल गया है नियम

वाराणसी समेत पूरे यूपी में फ्लैट-प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। पॉवर ऑफ अटॉर्नी पर नए नियम के तहत स्टांप की सुविधा शुक्रवार को वाराणसी में प्रदेशभर में लागू हो गई है। स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल ने सर्किट हाउस से शुरुआत करते हुए कहा कि अब अपने खून के रिश्ते से अलग किसी भी तरह की खरीद फरोख्त में पावर ऑफ अटॉर्नी का उपयोग करने पर सर्किल रेट के आधार पर स्टांप शुल्क देना होगा।

वहीं, रिश्तों में पावर ऑफ अटॉर्नी देने पर अधिकतम पांच हजार रुपये के स्टांप शुल्क देना होगा। पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने बताया कि ऐसा देखा जा रहा कि पश्चिम क्षेत्रों में बिल्डर किसानों से उनकी जमीन को महज 50 रुपये के स्टांप पर लिखापढ़ी कर सट्टा करा लेते हैं। उसे महंगे दाम पर बेचते हैं जिससे टैक्स चोरी होती है। इसका बोझ बाद में किसानों पर पड़ता है।

इस कारण किया गया बदलाव

किसानों का उत्पीड़न व टैक्स चोरी रोकने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी में लगने वाले शुल्क में बदलाव किया गया है। यह बदलाव भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 की अनुसूची 1 ख के अनुच्छेद 45 के तहत हुआ है। मंत्री जायसवाल ने बताया कि रजिस्ट्री कराने के दौरान अब ज्यादातर ई-स्टांप का प्रयोग हो रहा है। 

नहीं छपवाए जाएंगे नए स्टांप

मंत्री ने बताया कि कागजों पर पहले से छपे हुए जो स्टांप बचे हैं, उन्हें सरकारी विभागों जैसे वीडीए, नगर निगम, खेल विभाग आदि की रजिस्ट्री में उपयोग किया जा रहा है। अब नए स्टांप नहीं छपवाए जाएंगे।

रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या हुई दोगुनी से ज्यादा

मंत्री ने कहा कि प्रति वर्ष 32 लाख लोग रजिस्ट्री करा रहे हैं। यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक है। साल 2017 में जहां प्रति वर्ष 16 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, वो अब 2023 में 26 लाख करोड़ रुपये का हो रहा है।

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