उद्धव ठाकरे को फिर लगा झटका, दीपक सावंत ने शिंदे का थामा हाथ

महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद से उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक झटके लगे रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का सिंबल और नाम शिंदे गुट को दिए जाने के बाद अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल, ठाकरे गुट के नेता और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दीपक सांवत ने ठाकरे का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना की सदस्यता ली।  एक के बाद एक नेताओं के जाने से उद्धव ठाकरे गुट का पलड़ा कमजोर होता दिख रहा है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि आगामी चुनावों में एकनाथ शिंदे को इसका फायदा मिलेगा। 

महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रमों के बीच बीते सोमवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई ने शिवसेना का दामन थाम लिया था। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान भूषण देसाई ने कहा था कि बालासाहेब मेरे भगवान हैं।  एकनाथ शिंदे हिंदुत्व के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। मुझे उस पर विश्वास है।  

जिन्हें वाशिंग मशीन में जाना है वो जरूर जाएं: आदित्य ठाकरे
वहीं, राजनीतिक घटनाक्रम के बाद आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी थी। एक बयान में उन्होंने कहा, ‘भूषण देसाई का शिवसेना से कोई लेना-देना नहीं है। जिन्हें वाशिंग मशीन में जाना है वो जरूर जाएं। सुभाष देसाई हमारे साथ हैं। वह चौबीसों घंटे उद्धव ठाकरे के साथ हैं। वे हमें कहीं नहीं छोड़ेंगे।’

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को दी थी शिवसेना के रूप में मान्यता
चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी थी। शिंदे गुट को ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश भी दिया गया था। इसके बाद से ही उद्धव ठाकरे और संजय राउत भाजपा और शिंदे गुट पर निशाना साध रहे हैं। 

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