करवा चौथ न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है। हिंदू परंपरा में इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। पूरे दिन उपवास रखने के बाद, शाम को चांद को देखकर व्रत खोलना इस पर्व की सबसे खास परंपरा है। खासकर, छलनी से चांद को देखकर पति की ओर देखना और उनका चेहरा निहारना इस दिन का सबसे भावपूर्ण पल होता है।

करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं अपने परिवार और मित्रों को शुभकामनाएं भी देती हैं। केवल “हैप्पी करवा चौथ” कहना पर्याप्त नहीं होता; इस दिन प्यार और स्नेह व्यक्त करने के लिए संदेश, शायरी और विशेज़ भेजी जाती हैं। इस पर्व के कुछ लोकप्रिय शुभकामना संदेश इस प्रकार हैं:

  • “व्रत रखा है मैंने एक प्यारी ख्वाहिश के साथ—लंबी हो उम्र तुम्हारी, हर जन्म मिले तुम्हारा साथ। हैप्पी करवा चौथ!”

  • “चांद की पूजा करके करती हूं मैं बस एक दुआ—लग जाए तुम्हें मेरी भी उम्र, हर ग़म रहे तुमसे जुदा। हैप्पी करवा चौथ!”

  • “मेहंदी से आपका नाम लिखा, मांग में सिंदूर सजाया, हर जन्म में मिले मुझे आपका साथ। करवा चौथ की शुभकामनाएं!”

  • “सुख-दुख में हम तुम साथ निभाएं, हर जन्म में हम पति-पत्नी ही कहलाएं। करवा चौथ की हार्दिक बधाई!”

  • “चांद की चमक और प्यार की खुशबू से महके हमारी जिंदगी, आपकी लंबी उम्र की दुआ है मेरी। हैप्पी करवा चौथ!”

इस प्रकार, करवा चौथ का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और सम्मान की भावना को भी मजबूत बनाता है। इस दिन की रात सुहागिनों के लिए बेहद खास होती है, जब वे अपने जीवनसाथी के सुख-समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं।