भारत सार्वजनिक परिवहन को बदलने और वायु प्रदूषण को रोकने के प्रयास में 10 अरब डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) की इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बना रहा है। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहर भारत में हैं, इस नाते इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करके वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। केंद्र ने 2070 तक नेट जीरो एमिशन (शुद्ध शून्य उत्सर्जन) हासिल करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार की Energy Efficiency Services Limited (EESL), एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की सहायक कंपनी Convergence Energy Services Limited (CESL), कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) जल्द ही इन इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदा जारी करने की योजना बना रही है।

सीईएसएल ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के स्थानीय निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी क्योंकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है। सीईएसएल के प्रबंध निदेशक महुआ आचार्य ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “यह देश अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की महत्वाकांक्षा पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए वित्तपोषण एक चुनौती बना हुआ है जितना कि यह एक मौका पेश करता है।”

आचार्य ने कहा कि भारत में पांच से सात वर्षों में सभी सार्वजनिक बसें इलेक्ट्रिक हो सकती हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सार्वजनिक परिवहन डिपो को फिर से डिजाइन करने के अलावा अपने ईवी बुनियादी ढांचे और ग्रिड क्षमताओं में सुधार की जरूरत है। उन्होंने बैटरी की आपूर्ति की चल रही कमी को भी चिंता का एक कारण बताया।

भारत के प्रमुख शहरों, जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में सार्वजनिक परिवहन के रूप में सेवारत इलेक्ट्रिक बस बेड़े हैं। कई राज्यों ने अपनी व्यक्तिगत ईवी नीतियां भी लागू की हैं जिनमें आने वाले दिनों में सार्वजनिक परिवहन वाहनों का विद्युतीकरण शामिल है। विज्ञापन

सीईएसएल EESL के लिए सौर और इलेक्ट्रिक वाहनों को लीज पर देने में शामिल है, जो अनिवार्य रूप से चार राज्य संचालित ऊर्जा कंपनियों के बीच एक वेंचर है। इस साल की शुरुआत में सीईएसएल ने पांच राज्य सरकारों की ओर से 5,450 इलेक्ट्रिक बसों का ठेका दिया था। सीईएसएल अभी भी अपने वितरित सौर व्यवसायों के लिए निवेशकों की तलाश कर रहा है, जो इस समय आंतरिक रूप से वित्त पोषण कर रहा है।