बांसुरी की धुन… देसी साउंड वाले हॉर्न पर सरकार की नजर, जल्द आ सकता है कानून

देश में बहुत जल्द सड़कों पर आपको कार से ढोलक थाप, बांसुरी की धुन और सितार के सुर सुनाई दे सकते हैं. कुछ साल पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वह ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं जिसमें कारों के हॉर्न में आपको भारतीय संगीत वाद्य यंत्रों की धुन सुनाई देगी. अब उनकी ये योजना परवान चढ़ने जा रही है. इसके लिए देश में एक नया कानून बन रहा है.

सड़क परिवहन मंत्री ने हाल में अपनी इस मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि वह इस संबंध में एक कानून जल्द ही लेकर आने वाले हैं. ईटी की एक खबर के मुताबिक नितिन गडकरी का मंत्रालय एक कानून लाने पर विचार कर रहा है, जिसकी बदौलत सभी तरह के वाहनों के हॉर्न के लिए भारतीय वाद्य यंत्रों की धुनों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इससे सड़कों पर लोगों को हॉर्न की चिल्ल-पों से बचाने वाला अनुभव होगा.

उनका कहना है कि कानून बनने के बाद गाड़ियों के हॉर्न में तबला, बांसुरी, वायलिन, ढोलक और हारमोनियम जैसे भारतीय वाद्य यंत्रों की धुनों को शामिल किया जा सकेगा. ये फैसला ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा.

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना लक्ष्य

नितिन गडकरी ने देश में एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना एक जरूरी लक्ष्य बताया. उन्होंने कहा कि देश के कुल वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों के धुंए से होने वाले प्रदूषण की होती है.

उन्होंने कहा कि इसलिए मोदी सरकार लगातार ऐसे वाहनों को प्रमोट कर रही है, जो ग्रीन या बायोफ्यूल से चलते हैं. वहीं मेथेनॉल और एथेनाल के उपयोग को भी बढ़ाया जा रहा है. सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए सब्सिडी देने का काम किया है.

नितिन गडकरी ने कहा कि अब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है. सिर्फ अमेरिका और चीन ही उससे आगे हैं. ये देश के एक्सपोर्ट में भी बड़ी हिस्सेदारी रखने वाला सेक्टर है.

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