ईरान में अमेरिकी सैन्य हमलों के बाद वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में दो प्रतिशत से अधिक की तेजी आई, हालांकि दिन चढ़ने के साथ थोड़ी नरमी आई। इस भू-राजनीतिक तनाव का असर अमेरिकी शेयर वायदा और एशियाई शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला, जहां गिरावट दर्ज की गई।
तेहरान की प्रतिक्रिया को लेकर निवेशक सतर्क
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक अब ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका की ओर से ईरान के तीन परमाणु स्थलों को निशाना बनाने की खबर ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे तेल बाजार समेत अन्य क्षेत्रों में चिंता की लहर है।
विशेषज्ञ बोले—स्थिति फिलहाल नियंत्रण में
जापान स्थित एट्रिस एडवाइजरी के प्रबंध निदेशक नील न्यूमैन का मानना है कि यह संघर्ष सीमित रहेगा। उन्होंने कहा, “मेरा अनुमान है कि यह एक अल्पकालिक टकराव होगा, जो जल्द ही नियंत्रित हो जाएगा। घबराने की जरूरत नहीं है।”
तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव
घटना के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमत 2% बढ़कर 78.52 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जबकि अमेरिकी क्रूड 2% उछलकर 75.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। हालिया तनावों ने बाजार में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है।
इस्राइल-ईरान संघर्ष ने और बढ़ाया तनाव
शनिवार को शुरू हुआ यह विवाद, जब इस्राइल ने ईरान पर हमला किया, अब धीरे-धीरे क्षेत्रीय संघर्ष का रूप ले रहा है। इसका सीधा असर अमेरिकी शेयर बाजारों पर पड़ा है—एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स वायदा में 0.3% की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक वायदा 0.5% नीचे चला गया।
होर्मुज जलडमरूमध्य बना संभावित संकट का केंद्र
ईरान के लिए रणनीतिक रूप से अहम होर्मुज जलडमरूमध्य, जिससे होकर वैश्विक तेल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा गुजरता है, यदि बाधित होता है तो वैश्विक व्यापार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान के लिए इस जलमार्ग को पूरी तरह बंद करना कठिन होगा, क्योंकि यह खुद भी अपने कच्चे तेल का निर्यात इसी मार्ग से करता है, विशेषकर चीन जैसे देशों को।
एलपीएल फाइनेंशियल, उत्तरी कैरोलिना के रणनीतिक प्रमुख क्रिस्टियन केर का कहना है, “स्थिति अभी भी अस्थिर है। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ईरान किस तरह की प्रतिक्रिया देता है—संयम या आक्रामकता।”
तेल बीमा और परिवहन लागत पर असर संभव
यदि तनाव और बढ़ा तो बीमा दरों में वृद्धि हो सकती है और जहाज कंपनियों को अमेरिकी नौसेना की सुरक्षा के बिना संचालन में मुश्किल आ सकती है। टर्नर मेसन एंड कंपनी के विश्लेषक टॉम क्लोजा के अनुसार, “स्थिति भले ही गंभीर लग रही हो, लेकिन फिलहाल इसका दीर्घकालिक असर सीमित है।”
एशियाई शेयर बाजारों में भी गिरावट
सोमवार को एशियाई बाजारों में गिरावट देखी गई। ताइवान का ताइएक्स 1.3% टूटा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 1% तक नीचे गया। जापान का निक्केई 225 सूचकांक हल्की गिरावट के साथ 38,366.53 पर बंद हुआ। हालांकि, रक्षा क्षेत्र से जुड़े शेयरों में तेजी देखी गई—मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज 0.8% और शिनमायवा इंडस्ट्रीज 1.5% चढ़े।
न्यूमैन के अनुसार, “ईरान पर हमला रक्षा उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की मजबूत रक्षा उत्पादन क्षमता से यह क्षेत्र लाभान्वित हो सकता है।”
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