फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस पावर से जुड़े मामले में तीसरी गिरफ्तारी की है। यह मामला 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से संबंधित है। ईडी ने अमर नाथ दत्ता नामक व्यक्ति को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है।

इससे पहले ईडी रिलायंस पावर के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अशोक कुमार पाल और ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार कर चुकी है।

चार दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया आरोपी
विशेष अदालत ने आरोपी अमर नाथ दत्ता को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस NU BESS लिमिटेड (पूर्व में महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड) द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को दी गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से जुड़ा है, जो फर्जी पाई गई।

धोखाधड़ी का खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया कि रिलायंस NU BESS लिमिटेड ने यह गारंटी फिलीपींस के मनीला स्थित फर्स्टरैंड बैंक से जमा की थी, लेकिन जांच में पाया गया कि उस देश में बैंक की कोई शाखा ही नहीं है। इस आधार पर ईडी ने इसे फर्जी गारंटी करार दिया।

रिलायंस पावर ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि वह इस मामले में धोखाधड़ी का शिकार हुई है और उसने 7 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी थी। कंपनी ने अक्टूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में आरोपी कंपनी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी।

ईडी को मिला फर्जी डोमेन का सुराग
जांच के दौरान ईडी को पता चला कि भुवनेश्वर स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक कंपनी ने sbi.co.in जैसा ही दिखने वाला नकली ईमेल डोमेन s-bi.co.in बनाया था, जिससे यह झूठा आभास कराया गया कि ईमेल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भेजे जा रहे हैं। इसी डोमेन के जरिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को जाली कम्युनिकेशन भेजे गए।

ईडी का कहना है कि बिस्वाल ट्रेडलिंक वास्तव में एक “पेपर कंपनी” थी, जिसका रजिस्टर्ड ऑफिस बिस्वाल के रिश्तेदार की निजी संपत्ति पर स्थित था। एजेंसी अब इस मामले से जुड़े अन्य संभावित आरोपियों और पैसों की लेनदेन की जांच कर रही है।