बीजिंग: चीन की सेना ने पहली बार दक्षिण चीन सागर में बमवर्षक विमानों के साथ गश्त की, जिससे क्षेत्र में उसकी हवाई और समुद्री निगरानी क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ। यह कदम फिलीपींस द्वारा अमेरिका और जापान के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास के तुरंत बाद उठाया गया।

दक्षिण चीन सागर पर चीन का लगभग पूरा दावा है, जबकि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर दावा करते हैं। यह मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की साउदर्न थिएटर कमान ने यह गश्त की और इसे पहली बार बमवर्षक विमानों के साथ किया गया। अमेरिका-जापान-फिलीपींस का यह नौसैनिक अभ्यास शुक्रवार से शनिवार तक चला।

साउदर्न थिएटर कमान के प्रवक्ता कर्नल तियान जुनली ने कहा कि बाहरी ताकतों के साथ मिलकर किए गए संयुक्त अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी, "हम फिलीपींस को तुरंत उकसावे और तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों को रोकने की सलाह देते हैं। पीएलए हमेशा उच्च सतर्कता पर है और दक्षिण चीन सागर में चीन की संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करेगा। किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा।"

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि बमवर्षक विमानों के साथ फॉर्मेशन पीएलए की हमला क्षमता का प्रदर्शन है। विशेषज्ञ सॉन्ग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि ये विमान बड़े युद्धपोतों पर कई बार सैचुरेशन अटैक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलीपींस बाहरी देशों के साथ मिलकर चीन के दावे को चुनौती दे रहा है, इसलिए यह गश्त चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।

बीच में चीन और जापान के बीच भी तनाव बढ़ा है। जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने हाल ही में कहा कि ताइवान पर चीन का हमला जापान के लिए बड़ा खतरा होगा। इस बयान ने दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ा दिया। पीएलए डेली ने चेतावनी दी कि यदि जापान ने ताइवान मामले में सैन्य दखल किया, तो "पूरा जापान युद्ध का मैदान बन सकता है।"

इस बीच, ताइची की सख्त स्थिति के बाद उनकी लोकप्रियता 69.9% तक बढ़ गई है। सर्वे में 60.4% लोगों ने रक्षा बजट बढ़ाने का समर्थन किया और लगभग 49% ने ताइवान संकट के दौरान जापान के आत्मरक्षा अधिकार के उपयोग का समर्थन किया।