श्रीलंका चक्रवात ‘दित्वाह’ के प्रकोप से बेहाल है। लगातार हो रही बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कई इलाकों को कट-ऑफ कर दिया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। इस गंभीर स्थिति में भारत का राहत अभियान श्रीलंका के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।

भारतीय एनडीआरएफ की टीम ने पुत्तलम जिले में मानवीय संवेदनशीलता की मिसाल पेश करते हुए नौ महीने की गर्भवती महिला को सुरक्षित बचाया और तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई। इसके अलावा, एनडीआरएफ टीमों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर लगभग 800 लोगों तक खाने और जरूरी सामग्री की आपूर्ति पहुंचाई।

भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टरों के जरिए 5.5 टन से अधिक राहत सामग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाई। जिन क्षेत्रों में सड़क मार्ग से राहत पहुंचाना संभव नहीं था, वहां हेलीकॉप्टर से सामग्री डिलीवरी की गई। वहीं, गंथुना इलाके से चार गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।

लापता लोगों की तलाश भी जारी है। बड़ौदा जिले में मलबे के नीचे दबे एक व्यक्ति का शव निकाला गया। इसके अलावा, भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सुकन्या त्रिंकोमाली पहुंचा और वहां से राहत सामग्री को श्रीलंका वायुसेना ने प्रभावित इलाकों में वितरित किया।

श्रीलंका के आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के मुताबिक, देश के 25 जिलों में 3,82,651 परिवार यानी लगभग 13.7 लाख लोग बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। 16 नवंबर से अब तक 390 लोगों की मौत हो चुकी है और 352 लोग लापता हैं। भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत सहायता भेजकर पड़ोसी देश के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।