नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस वार्ता में मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कई अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने भारत को चाबहार बंदरगाह परियोजना पर लगाए गए प्रतिबंधों से 6 महीने की छूट प्रदान की है। इसके अलावा उन्होंने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता, रूसी तेल आयात, पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव और प्रवासी भारतीयों से जुड़े मामलों पर भी प्रतिक्रिया दी।

अमेरिका से मिली राहत

जायसवाल ने बताया कि चाबहार बंदरगाह परियोजना पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को अस्थायी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि “अमेरिका ने भारत को इस परियोजना के तहत 6 महीने की छूट दी है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करेगा।” प्रवक्ता ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत भी जारी है, और दोनों पक्ष सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

रूसी तेल पर भारत का रुख स्पष्ट

अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों को लेकर जायसवाल ने कहा कि भारत इन प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत की ऊर्जा नीति अपने 140 करोड़ नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। हमारा उद्देश्य सस्ती और स्थायी ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना है।”

अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी

अमेरिका से भारतीय नागरिकों की वापसी के सवाल पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 2,790 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया है। ये सभी लोग वहां अवैध रूप से रह रहे थे। वहीं, ब्रिटेन की ओर से भी लगभग 100 भारतीय नागरिकों को उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद वापस भेजा गया है।

पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव पर भारत का बयान

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर प्रवक्ता जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान, अफगानिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता से असहज है। वह मानता है कि सीमा पार आतंकवाद उसका अधिकार है, लेकिन भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता और अखंडता का पूर्ण समर्थन करता है।”

भारत-जापान संबंधों पर चर्चा

प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जापान की नई प्रधानमंत्री सनाए तकाइची से बातचीत की। उन्होंने उन्हें पदभार संभालने पर बधाई दी और दोनों नेताओं ने भारत-जापान साझेदारी को और सशक्त करने पर जोर दिया। जायसवाल ने कहा, “भारत-जापान संबंध बहुआयामी हैं और क्वाड मंच चारों साझेदार देशों के बीच साझा हितों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।”