इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में गाज़ा के समर्थन और इस्राइल के विरोध में धार्मिक संगठन तेहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का विरोध प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। हालात पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को राजधानी के प्रमुख मार्गों को बंद कर दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दीं।

टीएलपी ने गाज़ा में हुई हत्याओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर मार्च का आह्वान किया था, जो उस समय हो रहा है जब क्षेत्र में शांति वार्ताओं की कोशिशें जारी हैं। प्रदर्शन के मद्देनज़र पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने राजधानी में सुरक्षा कड़ी करते हुए कंटेनर लगाकर मुख्य रास्तों को सील कर दिया। वहीं, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को मोबाइल इंटरनेट बंद करने का निर्देश दिया गया, जो शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हुआ।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्लामाबाद पुलिस ने शहर के अंदर और बाहरी इलाकों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है। रावलपिंडी में एहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसके तहत किसी भी प्रकार के जुलूस, सभा या प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।

इधर, सुरक्षा एजेंसियों ने इस्लामाबाद के संवेदनशील ‘रेड जोन’ क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया है, जहां प्रमुख सरकारी दफ्तरों और विदेशी दूतावासों के कार्यालय स्थित हैं। बताया जा रहा है कि टीएलपी के लाहौर स्थित मुख्यालय पर छापेमारी की गई, जिसमें उसके शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश हुई। इस दौरान सुरक्षा बलों और कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें भी हुईं।

गौरतलब है कि तेहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसने 2017 में संसद सदस्यों के शपथ-पत्र को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन चलाया था। उस समय सरकार को संगठन की मांगों के आगे झुकना पड़ा था।