अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह दावा दोहराया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में जो संघर्षविराम हुआ, उसके पीछे उनकी “सख्त चेतावनी” थी। ट्रंप के अनुसार, उन्होंने दोनों देशों को साफ़ कह दिया था कि अगर वे आपसी झड़पें जारी रखते हैं, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।

मियामी में ‘अमेरिका बिज़नेस फोरम’ को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा,

“मैं दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते की प्रक्रिया में था, तभी मैंने अख़बार में देखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। सात विमान गिर चुके थे और एक बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। मैंने तुरंत कहा — अगर तुम लोग लड़ोगे, तो मैं तुमसे कोई व्यापार नहीं करूंगा।”

उन्होंने आगे हंसते हुए जोड़ा कि,

“मैंने दोनों को याद दिलाया कि वे परमाणु संपन्न देश हैं। अगले ही दिन फोन आया कि दोनों देशों ने युद्धविराम कर लिया है। मैंने कहा, बहुत अच्छा — अब हम व्यापार कर सकते हैं।”

ट्रंप ने मज़ाकिया लहजे में कहा कि यह सब “टैरिफ की वजह से हुआ”, क्योंकि बिना टैरिफ के ऐसा कुछ भी नहीं होता।

भारत ने किया ट्रंप के दावे से इनकार

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने का श्रेय लिया हो। उन्होंने पहले भी ट्वीट कर कहा था कि दोनों देशों ने “अमेरिका की मध्यस्थता” के बाद शांति पर सहमति जताई है।
हालांकि, भारत ने हर बार स्पष्ट किया है कि किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं रही, और सभी मुद्दे द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझाए जाते हैं।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था ‘ऑपरेशन सिंदूर’

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
चार दिन तक चली इस सीमापार कार्रवाई के बाद 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा की गई।

अमेरिका ताकत के जरिए शांति ला रहा है- ट्रंप

अपने भाषण में ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने दुनिया के कई पुराने युद्ध समाप्त कराए हैं। जिनमें कोसोवो-सेर्बिया, कांगो-रवांडा, आर्मेनिया-अजरबैजान और मिस्र-इथियोपिया जैसे देश शामिल हैं।
उनके अनुसार, “कुछ युद्ध 30 साल से भी अधिक पुराने थे, जिन्हें मैंने एक घंटे में सुलझा दिया- वह भी संयुक्त राष्ट्र की मदद के बिना।”

ट्रंप ने कहा,

“अमेरिका अब ताकत के जरिए शांति स्थापित कर रहा है। कोई भी देश अब हमसे उलझना नहीं चाहता।”