नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि नवंबर 2025 की जांच में केंद्रीय और राज्य दवा प्रयोगशालाओं ने कुल 205 दवा नमूनों को मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) के स्तर पर खरा नहीं पाया। केंद्रीय प्रयोगशालाओं ने 64 और राज्य स्तर की प्रयोगशालाओं ने 141 दवा नमूनों को मानकों के अनुरूप नहीं पाया।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, एनएसक्यू यानी “नॉट स्टैंडर्ड क्वालिटी” दवाएं वे होती हैं जो किसी एक या अधिक गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरतीं। यह समस्या केवल जांच किए गए विशेष बैच तक सीमित है और इससे बाजार में उपलब्ध अन्य दवाओं के बारे में घबराने की जरूरत नहीं है।

उत्तर क्षेत्र से दो नकली दवा नमूने मिले
जांच में उत्तर क्षेत्र से दो दवा नमूने नकली (स्प्यूरियस) पाए गए। यह दवाएं बिना अनुमति वाले निर्माताओं द्वारा बनाई गई थीं और किसी दूसरी कंपनी के ब्रांड नाम का गलत इस्तेमाल किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है और नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र और राज्य मिलकर कार्रवाई करते हैं
मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) नियमित रूप से इन जांचों के परिणाम अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करता है। केंद्र और राज्य नियामक एजेंसियां मिलकर घटिया और नकली दवाओं की पहचान कर उन्हें बाजार से हटाने का काम करती हैं, ताकि आम जनता की सेहत सुरक्षित रहे।