कसौली (सोलन)। पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के अंतिम दिन आयोजित पहले सत्र में कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की नासमझी भी प्रमुख भूमिका थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि पंजाब में शांति बहाल करने में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने निर्णायक भूमिका निभाई और लोंगोवाल समझौता इसी नीति का हिस्सा था।

सत्र में वार्ताकार जवाहर सरकार के साथ अपनी किताब ‘द राजीव आइ न्यू’ पर चर्चा करते हुए अय्यर ने बताया कि केवल इंदिरा गांधी को आपरेशन ब्लू स्टार का दोषी ठहराना सही नहीं है। इससे पहले पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी कहा था कि इस कार्रवाई में सेना, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भी हिस्सेदारी थी।

राजीव गांधी का दूरदर्शी दृष्टिकोण
अय्यर ने राजीव गांधी को दूरदर्शी प्रधानमंत्री बताया, जिन्होंने भारत के ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर को प्राथमिकता दी। उन्होंने श्रीलंका में शांति सेना भेजने और तमिल समस्या के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभाने का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि रामायण और महाभारत को दूरदर्शन पर दिखाने का निर्णय घर-घर में सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ाने वाला था।

सत्र में ऑपरेशन ब्लू स्टार, एलटीटी और कश्मीरी पंडितों के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। अय्यर ने यह भी सुझाव दिया कि यदि इंडी गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़े, तो भाजपा को हराना मुश्किल नहीं होगा। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राहुल गांधी को ऐसे नेता के रूप में देखा, जो बहुदलीय सरकार चला सकते हैं।

अन्य चर्चाएँ और सत्र
फेस्ट में बरसाली भट्टाचार्य ने अनुप्रिता दास के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एआई के संचालन पर विचार साझा किए। ज्योत्सना मोहन और चंद्र मोहन ने स्वतंत्रता, अवज्ञा और इतिहास के मसौदे पर चर्चा की। राजा भसीन ने हिमाचल की विरासत, मिथक और संस्कृति पर गिलियन राइट के साथ संवाद किया। नंदिनी मुरली और अभिनेत्री पूजा बेदी ने अशांत विरासत और साहसी भविष्य पर लीना गुप्ता के साथ विचार साझा किए। वहीं, संदीप भामर और प्रेम झा ने भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा पर मधुर सिंह के साथ अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।

फेस्ट के अंतिम सत्र के बाद निर्देशक राहुल सिंह ने साहित्यकारों, राजनेताओं और प्रायोजकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।