प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के अपने दौरे के दौरान राजधानी इंफाल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य को शांति और विकास के मार्ग पर ले जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और इंफाल को अवसरों का शहर माना जाना चाहिए, जो पूरे भारत के विकास को गति दे सकता है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने यह भी आशा जताई कि सुशीला कार्की के नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनने से वहां स्थिरता और समृद्धि आएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर को लगातार विकास और शांति के पथ पर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में मणिपुर के ‘वीर सपूतों’ की भूमिका की सराहना भी की।
इससे पहले उन्होंने इंफाल के कांगला किला परिसर में करीब 1,200 करोड़ रुपये के 17 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। मई 2023 में मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा के बाद यह पीएम मोदी की पूर्वोत्तर राज्य की पहली यात्रा है।
उन्होंने मंत्रिपुखरी में 101 करोड़ रुपये लागत से नए मणिपुर पुलिस मुख्यालय और 538 करोड़ रुपये लागत से बनाए गए सिविल सेक्रेटियेट का उद्घाटन किया। इसके अलावा नई दिल्ली और कोलकाता में नए मणिपुर भवन, इंफाल नदी के पश्चिमी मोर्चे का विकास चरण-2, मॉल रोड चरण-2, चार लेन पुल और माताओं के लिए इमा बाजार, पांच सरकारी कॉलेजों के बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है।
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान विस्थापित लोगों से भी मुलाकात की और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने चूड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि मणिपुर में अब आशा और विश्वास की नई सुबह उभर रही है।
वहीं, कांग्रेस और मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) के युवा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल के पास विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पीएम मोदी की यात्रा को राजनीतिक चाल करार दिया और राज्य में शांति बहाल करने के उद्देश्य पर सवाल उठाए।
दो साल से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा के कारण मणिपुर में 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें करीब 40 हजार की-जो और 20 हजार मेइती समुदाय से संबंधित हैं। हिंसा के दौरान 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से कई राहत शिविरों में खराब परिस्थितियों में रह रहे हैं।