नई दिल्ली: शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दी। इनमें जनगणना 2027 के लिए 11,718 करोड़ रुपये का बजट, कोयला लिंकेज नीति में सुधार हेतु कोलसेटू नीति, और खोपरा 2025 सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) शामिल हैं।
जनगणना 2027: विवरण और प्रक्रिया
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह देश और विश्व का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यास होगा। यह स्वतंत्रता के बाद की 8वीं और कुल मिलाकर 16वीं जनगणना होगी। जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के तहत यह कार्य संपन्न किया जाएगा। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, जबकि कोविड महामारी के कारण 2021 की जनगणना स्थगित रही।
जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 को निर्धारित की गई है। बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 होगी। वैष्णव ने बताया कि यह दो चरणों में होगी:
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पहला चरण: मकान सूचीकरण और आवास जनगणना (HLO), अप्रैल से सितंबर 2026 तक।
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दूसरा चरण: जनसंख्या गिनती (PE), फरवरी 2027 से शुरू होगी। बर्फ से ढके क्षेत्रों में यह सितंबर 2026 से शुरू होगा।
कोयला और MSP में सुधार
कैबिनेट ने कोयला लिंकेज नीति (कोलसेटू नीति) को भी मंजूरी दी, जिससे कोयला क्षेत्र में निवेश और उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार की उम्मीद है। साथ ही सरकार ने खोपरा 2025 सीजन के लिए MSP को नीति स्तर पर मंजूरी दे दी है, जिससे किसानों को मूल्य सुरक्षा मिलेगी।
मनरेगा का संभावित नाम परिवर्तन
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक में मनरेगा का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने पर भी विचार हुआ। इसका उद्देश्य ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम की पहचान और प्रभाव को नया रूप देना बताया जा रहा है।