नई दिल्ली। उत्तर भारत में सर्दी ने दस्तक दे दी है और अब इसका असर धीरे-धीरे तेज़ होता जा रहा है। हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण अगले कुछ दिनों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की शुरुआत और मैदानी हिस्सों में हल्की बारिश के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव सर्दियों के असली मौसम की शुरुआत का संकेत है और नवंबर के दूसरे सप्ताह तक उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का असर और बढ़ जाएगा।

कई राज्यों में बदलेगा मौसम का मिज़ाज

चार और पांच नवंबर को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। लंबे अंतराल के बाद होने वाली यह बर्फबारी ठंड को बढ़ाएगी और सर्द हवाएं मैदानी इलाकों तक पहुंचेंगी।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में अब सुबह-शाम ठिठुरन महसूस होने लगी है, जबकि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में हल्की बूंदाबांदी और तापमान में गिरावट की संभावना है।

यूपी में भी दिखने लगा असर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मौसम का मिज़ाज बदलने लगा है। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, लेकिन न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे जा चुका है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से रविवार तक बूंदाबांदी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते सर्दी का असर और बढ़ेगा।

हवा की दिशा में बदलाव से राजधानी और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर अस्थायी रूप से बढ़ सकता है, हालांकि मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तीन-चार दिन बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

पूर्वी भारत और मध्य प्रदेश में भी असर

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भी सर्द हवाओं का असर महसूस किया जा रहा है। कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।

वहीं, मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों भोपाल से लेकर गुना तक में 4 और 5 नवंबर को हल्की बारिश की संभावना है। दक्षिण-पश्चिमी एमपी और उत्तरी महाराष्ट्र के हिस्सों में भी छिटपुट वर्षा हो सकती है, जिससे रात्रिकालीन ठंड में इजाफा होगा।

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का असर

बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव अब म्यांमार और बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और नागालैंड में भारी बारिश हो सकती है।

अरब सागर पर बना एक अन्य निम्न दबाव क्षेत्र कमजोर पड़ गया है, लेकिन उसका हल्का असर दक्षिणी राजस्थान, पूर्वी गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है।