पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने शनिवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस क्रम में राज्यभर के 80,000 से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को प्रशिक्षण दिया गया। हालांकि, प्रशिक्षण के पहले ही दिन कई बीएलओ ने सुरक्षा व्यवस्था और ड्यूटी स्टेटस को लेकर विरोध दर्ज कराया।
जानकारी के अनुसार, प्रशिक्षण सत्र के दौरान बीएलओ को बताया गया कि वे मतदाता सूची सत्यापन फॉर्म की जांच कैसे करेंगे, घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क स्थापित करेंगे और संबंधित जानकारी को बीएलओ एप पर अपलोड करेंगे। प्रत्येक अधिकारी को एक पहचान किट भी प्रदान की गई, जिसमें पहचान पत्र और टोपी शामिल थी। आयोग ने उनके लिए 16 सूत्रीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं और काम को सरल बनाने के लिए नया मोबाइल एप भी लॉन्च किया है।
बीएलओ का विरोध और मांगें
कई बीएलओ ने शिकायत की कि प्रशिक्षण सत्रों में न तो पर्याप्त सुरक्षा है और न ही प्रशासनिक व्यवस्था का उचित स्तर। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यह जिम्मेदारी ‘ऑफिशियल ड्यूटी’ के रूप में दर्ज की जाए ताकि शिक्षकों को स्कूलों में अनुपस्थित न दिखाया जाए। उनका कहना था कि “हम चुनाव आयोग का काम कर रहे हैं, इसलिए इसे सेवा अवधि का हिस्सा माना जाना चाहिए।”
दुर्गापुर एसडीओ कार्यालय में भी बीएलओ ने सामूहिक विरोध प्रदर्शन किया। एक शिक्षक ने बताया, “पहले प्रशिक्षण के बाद हमें प्रमाणपत्र दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला। हम वही व्यवस्था बहाल करने की मांग करते हैं।”
आयोग का रुख
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस चरण के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं होगी, और राज्य प्रशासन को ही बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि बड़े बूथों पर दो बीएलओ तैनात करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है।
आगे की प्रक्रिया
आयोग के अनुसार, रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यक्रम 3 नवंबर तक चलेगा, जिसके बाद 4 नवंबर से बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन कार्य शुरू करेंगे।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को आयोग ने राज्यभर के 3,000 से अधिक चुनाव निबंधन अधिकारी (ERO), सहायक ERO और जिला चुनाव अधिकारी (DEO) को भी प्रशिक्षित किया था। अब निर्देश जारी किया गया है कि राजनीतिक दलों के एजेंटों का प्रशिक्षण समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।