लोकसभा ने सोमवार को भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 को पारित कर दिया। यह विधेयक ऐसे समय में मंजूर हुआ जब विपक्ष बिहार के मतदाता सूची से जुड़े विवादों को लेकर हंगामा कर रहा था। विधेयक को निचले सदन में ध्वनि मत से पास किया गया, जबकि विपक्षी सदस्य विरोध स्वर में नारेबाजी करते रहे। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही शाम साढ़े चार बजे तक स्थगित कर दी गई।
यह कानून भारत के बंदरगाहों से संबंधित नियमों को एकीकृत करने, बंदरगाह विकास को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने, व्यापार को सरल बनाने और समुद्री तटों के समुचित उपयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। इसमें प्रमुख और अन्य बंदरगाहों के लिए राज्य समुद्री बोर्ड बनाने और बंदरगाह विकास के लिए समुद्री राज्य विकास परिषद स्थापित करने का प्रावधान शामिल है। इसके साथ ही, बंदरगाहों पर प्रदूषण नियंत्रण, आपदा प्रबंधन, सुरक्षा, नेविगेशन और डाटा प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के उपाय भी किए गए हैं। विधेयक में भारत की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का पालन, बंदरगाह संरक्षण और विवाद निवारण तंत्र की भी व्यवस्था की गई है।
मलेरिया टीके की जरूरत नहीं: विशेषज्ञ समिति
सरकार ने राज्यसभा को बताया कि भारत में मलेरिया टीके की आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार, ये टीके उन क्षेत्रों के लिए बनाए गए हैं जहां मलेरिया संक्रमण का स्तर मध्यम से अधिक होता है और बच्चों में मृत्यु दर ज्यादा होती है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यह जानकारी लिखित जवाब में दी। उन्होंने कहा कि भारत इन मापदंडों में शामिल नहीं है, इसलिए टीके की जरूरत नहीं मानी गई है।
अमेरिका ने भारत के फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स पर कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया
वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि अमेरिका ने भारत से निर्यात किए जाने वाले फार्मास्युटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर अब तक कोई अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया है। हालांकि, सात अगस्त से कुछ अन्य उत्पादों पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लागू हुआ है, जो भारत के कुल निर्यात के लगभग 55 प्रतिशत मूल्य वाले उत्पादों पर असर डाल सकता है। 27 अगस्त से और कुछ उत्पादों पर भी यह टैरिफ लागू होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार निर्यातकों और उद्योगों के साथ लगातार बातचीत कर रही है ताकि इसके प्रभाव को समझा जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों और एमएसएमई के हितों की सुरक्षा और प्रोत्साहन सरकार की प्राथमिकता है।