कोच्चि: केरल में 2015 में कन्नूर के चित्तरीपरम्बा में माकपा कार्यकर्ता ओ. प्रेमन की हत्या के मामले में जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने भाजपा-आरएसएस से जुड़े नौ आरोपियों को बरी कर दिया। प्रेमन पर 25 फरवरी 2015 को हमला हुआ था और अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।
बरी किए गए आरोपियों में साजेश सी, प्रजेश डी, इंचिकांडी निशांत, लिजिन पी, मनपड्डी विनीश, सी राजेश, निखिल एनआर रमेश और रेनजिथ सीवी शामिल हैं। बचाव पक्ष के वकीलों ने बताया कि मामले के अन्य आरोपी श्याम प्रसाद को 2018 में एक राजनीतिक झड़प में हत्या कर दी गई थी।
अधिवक्ता पी. प्रेमराजन ने कहा कि अदालत ने पुलिस जांच में गंभीर खामियों को देखते हुए आरोपियों को बरी किया। एफआईआर मामले के अगले दिन ही दर्ज की गई थी, जिसमें शुरू में छह लोगों के नाम थे, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया और मौजूदा आरोपियों पर मुकदमा चला। जांच के दौरान यह साबित हुआ कि आरोपी अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। गिरफ्तारी के छह महीने बाद उन्हें जमानत मिल गई। मार्च 2024 में मुकदमा शुरू हुआ और इसमें 65 गवाहों से पूछताछ की गई, साथ ही 135 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
बचाव पक्ष के वकील पीएस ईश्वरन, डी. सुनीलकुमार और अक्षय बाबूराज भी आरोपियों की ओर से पेश हुए।