कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच के लिए भाजपा की चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति सोमवार को कोलकाता पहुंची। समिति के सदस्य पीड़िता और उससे जुड़े पक्षों से मुलाकात कर विभिन्न पहलुओं की जानकारी लेंगे।
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा गठित इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. सतपाल सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, राज्यसभा सांसद मनन कुमार मिश्रा और लोकसभा सांसद बिप्लब कुमार देब शामिल हैं। रवाना होने से पहले सतपाल सिंह ने कहा कि टीम इस गंभीर मामले से जुड़े सभी पक्षों से संवाद करेगी और पीड़िता के परिवार से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जांच दल को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगी।
सतपाल सिंह ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि इससे पहले आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में भी इसी प्रकार की घटना सामने आई थी, और अब लॉ कॉलेज में ऐसी घटना ने फिर से राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की कार्रवाई की समीक्षा की बात भी कही।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समिति यह जानने का प्रयास करेगी कि एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति कॉलेज परिसर में प्रवेश कैसे कर सका। उन्होंने कहा, “यह विडंबना है कि राज्य में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।”
क्या है मामला?
24 वर्षीय छात्रा ने शिकायत में बताया है कि कॉलेज परिसर स्थित गार्ड रूम में दो सीनियर छात्र और एक पूर्व छात्र ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस मामले में तीनों आरोपियों – मनोजित मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा एक सुरक्षा गार्ड को भी हिरासत में लिया गया है, जिसकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। सीसीटीवी फुटेज में उसकी उपस्थिति स्पष्ट रूप से दर्ज है, और पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि वारदात के दौरान वह अकेला था या नहीं।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और समिति की रिपोर्ट आने के बाद इसे लेकर राजनीतिक हलकों में और हलचल बढ़ने की संभावना है।
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