भारत में 2021 से अब तक बाघों की जितनी भी मौतें दर्ज हुई हैं, उनमें से अधिकांश टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में बाघों की कुल 667 मौतों में से 341 (करीब 51%) रिजर्व क्षेत्र से बाहर दर्ज की गईं। सबसे अधिक घटनाएं महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से सामने आई हैं।
एनटीसीए के आँकड़े क्या कहते हैं?
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के मुताबिक, साल 2021 में 129, 2022 में 122, 2023 में 182, 2024 में 126 और 2025 में अब तक 108 बाघों की मौत हुई है। इनमें क्रमशः 64, 52, 100, 65 और 60 मौतें टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैं।
महाराष्ट्र में इस अवधि में सबसे ज्यादा 111 बाघों की मौतें रिजर्व से बाहर दर्ज हुई हैं, वहीं मध्य प्रदेश में यह संख्या 90 रही।
राज्यवार आँकड़े: कहां कितनी मौतें?
- 2021: महाराष्ट्र (23), मध्य प्रदेश (18), केरल (5), तेलंगाना (4)
- 2022: महाराष्ट्र (18), मध्य प्रदेश (12), केरल व उत्तराखंड (4-4)
- 2023: महाराष्ट्र (34), मध्य प्रदेश (13), केरल व उत्तराखंड (11-11), कर्नाटक (6)
- 2024: मध्य प्रदेश (24), महाराष्ट्र (16)
- 2025 (अब तक): महाराष्ट्र (20), मध्य प्रदेश (13), केरल (8), कर्नाटक (7)
एनटीसीए के अनुसार, वर्ष 2012 से 2024 तक देश में कुल 1,519 बाघों की मौत दर्ज हुई, जिनमें 42% यानी 634 मौतें संरक्षित क्षेत्रों से बाहर हुईं।
वर्तमान में देश में अनुमानित 3,682 बाघ हैं, जिनमें से करीब 30% टाइगर रिजर्व के बाहर रह रहे हैं।
टीओटीआर योजना जल्द होगी शुरू
बाघों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए सरकार “टाइगर्स आउटसाइड टाइगर रिजर्व” (TOTR) नामक नई योजना शुरू करने की तैयारी में है। इस योजना के तहत 17 राज्यों की 80 वन प्रमंडलों को शामिल किया जाएगा।
2022 में हुई गणना के अनुसार, बाघों की राज्यवार संख्या इस प्रकार है:
मध्य प्रदेश (785), कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560), महाराष्ट्र (444), तमिलनाडु (306), असम (229), केरल (213), उत्तर प्रदेश (205)।
आईबीसीए को 24 देशों का समर्थन, 58 टाइगर रिजर्व में चलेगा वृक्षारोपण अभियान
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी कि भारत की पहल पर शुरू किए गए इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) में शामिल होने के लिए अब तक 24 देशों ने सहमति जताई है। यह गठबंधन बड़ी बिल्ली की सात प्रजातियों के संरक्षण के लिए काम करेगा।
आईबीसीए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, भारत, भूटान, कंबोडिया, आर्मीनिया, इथियोपिया, एस्वातिनी, गिनी, लाइबेरिया, निकारागुआ, रवांडा, सोमालिया और सूरीनाम जैसे 12 देश फिलहाल इसके सदस्य हैं।
मंत्री यादव ने बताया कि भारत में 2014 में जहां 46 टाइगर रिजर्व थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 58 हो गई है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रीय पशु संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
इस मौके पर उन्होंने एक विशेष वृक्षारोपण अभियान की भी घोषणा की, जिसके तहत देश के सभी 58 टाइगर रिजर्व में एक लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।