चेन्नई। तमिलनाडु दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मदुरै में आयोजित जनसभा में कहा कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सरकार बनाएगा। उन्होंने अपने भाषण में न सिर्फ डीएमके सरकार को घेरा, बल्कि पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की संभावित जीत की बात कही। शाह ने कहा, “तमिलनाडु की जनता भ्रष्ट डीएमके शासन से मुक्ति चाहती है। 2026 में तमिलनाडु और बंगाल दोनों जगह भाजपा की सरकारें बनेंगी।”
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की बात, कावेरी इंजन और ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए इसे भारत की सैन्य क्षमता का प्रतीक बताया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, तब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर अपनी ताकत का परिचय दिया। शाह ने यह भी कहा कि इस कार्रवाई से तमिलनाडु में समर्थन की लहर देखने को मिली और युवाओं में स्वदेशी परियोजनाओं, जैसे कि ‘कावेरी इंजन’, को लेकर उत्साह बढ़ा है।
डीएमके पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, विकास कार्यों में विफलता का दावा
शाह ने डीएमके सरकार पर 39,000 करोड़ रुपये के टीएएसएमएसी घोटाले और अवैध शराब से मौतों का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चुनावी वादों का 10% भी पूरा नहीं किया। साथ ही केंद्र की योजनाओं के फंड को लोगों तक न पहुंचने देने और उन्हें डायवर्ट करने का आरोप भी लगाया। शाह ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से चुनौती देते हुए कहा कि वे बताएं कि कितने वादे पूरे हुए हैं। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार की उच्च शिक्षा में तमिल भाषा को बढ़ावा देने में उदासीनता पर भी सवाल उठाया।
2026 को बताया निर्णायक चुनाव, कार्यकर्ताओं से जीत का संकल्प लेने की अपील
अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों को भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए निर्णायक बताते हुए कहा, “तमिलनाडु हमारा अगला सबसे अहम रणक्षेत्र है। हर कार्यकर्ता संकल्प लें कि 2026 में विजय दिलाएंगे।” उन्होंने ओडिशा में भाजपा की हालिया जीत, हरियाणा में सत्ता बनाए रखने और दिल्ली में 26 वर्षों बाद वापसी को पार्टी की बढ़ती ताकत का संकेत बताया।
विवादित मुद्दों पर मौन, परिसीमन पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
शाह ने अपने भाषण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को न लागू करने पर तमिलनाडु को मिलने वाले 2,152 करोड़ रुपये की रोकी गई राशि का ज़िक्र तो किया, लेकिन जनसंख्या आधारित परिसीमन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी। गौरतलब है कि परिसीमन को लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों, विशेषकर तमिलनाडु, में चिंता है कि इससे उनका संसदीय प्रतिनिधित्व कम हो सकता है। मुख्यमंत्री स्टालिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यह दक्षिण को दंडित करने और उत्तर को इनाम देने जैसा होगा।
राज्य इकाई में नेतृत्व बदलाव के बाद शाह का दूसरा दौरा
यह यात्रा भाजपा की राज्य इकाई में नेतृत्व परिवर्तन के बाद अमित शाह का दूसरा दौरा है। के. अन्नामलाई की जगह अब नैनार नागेंद्रन को जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान पार्टी ने एआईएडीएमके के साथ फिर से गठबंधन को लेकर सक्रियता दिखाई, हालांकि जमीनी स्तर पर तालमेल अब भी चुनौती बना हुआ है। पीएमके में भी वरिष्ठ और कनिष्ठ रामदास के बीच मतभेद बने हुए हैं, वहीं डीएमडीके ने राज्यसभा सीट को लेकर नाराजगी जाहिर की है। पहले ऐसी चर्चा थी कि यह रैली एनडीए सहयोगियों की एकता प्रदर्शित करेगी, लेकिन यह भाजपा की एकल राजनीतिक सभा बनकर रह गई।