नई दिल्ली। एअर इंडिया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 5 अक्टूबर को अमृतसर से बर्मिंघम जा रही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान में ‘रैम एयर टरबाइन’ (RAT) का खुलना न तो किसी तकनीकी खराबी के कारण हुआ और न ही पायलट की गलती से। एयरलाइन ने बताया कि यह अपने आप हुआ और ऐसी घटनाएं पहले भी अन्य एयरलाइनों के साथ दर्ज हो चुकी हैं।

एअर इंडिया ने कहा कि घटना की जानकारी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को दे दी गई है और प्रारंभिक रिपोर्ट भी सौंप दी गई है। एयरलाइन ने जोर दिया कि सभी सिस्टम सामान्य थे और विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की।

घटना का विवरण
5 अक्टूबर को उड़ान संख्या एआई117 के पायलटों ने लैंडिंग के अंतिम चरण में RAT खुलने का संकेत देखा। यह उपकरण आमतौर पर तब काम करता है जब विमान के दोनों इंजन या बिजली प्रणाली फेल हो जाए। उस समय विमान के सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक सिस्टम सामान्य थे। किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ। लैंडिंग के बाद विमान को जांच के लिए अस्थायी रूप से ग्राउंड किया गया, लेकिन जांच पूरी होने के बाद इसे फिर से सेवा में शामिल कर लिया गया।

पायलट संघ की चिंता
इस घटना के एक सप्ताह बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने DGCA से मांग की कि एअर इंडिया के पूरे ड्रीमलाइनर बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंड किया जाए। संघ ने कहा कि सभी विमानों की इलेक्ट्रिकल प्रणाली की गहन जांच की जानी चाहिए और एअर इंडिया का विशेष ऑडिट भी किया जाना चाहिए। FIP ने यह भी बताया कि 9 अक्टूबर को वियना से दिल्ली जा रही एअर इंडिया की उड़ान एआई154 को तकनीकी खराबी के कारण दुबई में आपात लैंडिंग करनी पड़ी।

पिछली दुर्घटनाओं की यादें
इससे पहले, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एअर इंडिया की ड्रीमलाइनर उड़ान एआई171 टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

रैम एयर टरबाइन क्या है?
RAT एक छोटा पंखे जैसा उपकरण है जो विमान की बाहरी सतह पर स्थित होता है। यह केवल तब सक्रिय होता है जब मुख्य इंजन या बिजली प्रणाली फेल हो जाए। हवा के दबाव से चलने वाला यह पंखा विमान के हाइड्रोलिक, नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम को कुछ समय तक बिजली उपलब्ध कराता है। इसके अपने आप खुलने की घटना बहुत ही दुर्लभ मानी जाती है।

एअर इंडिया ने कहा कि इस घटना से सुरक्षा पर कोई गंभीर असर नहीं पड़ा, लेकिन पायलट संघ की चेतावनी और हाल की घटनाओं ने ड्रीमलाइनर बेड़े की तकनीकी विश्वसनीयता पर नए सिरे से सवाल खड़ा कर दिया है।