केवड़िया (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कश्मीर समस्या की जड़ आज़ादी के बाद की उस गलती में है, जब नेहरू ने सरदार वल्लभभाई पटेल को राज्य का पूर्ण एकीकरण करने से रोक दिया था। उन्होंने कहा कि इसी निर्णय के कारण कश्मीर दशकों तक आतंकवाद और अस्थिरता की चपेट में रहा।
नर्मदा जिले के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने जिस अदम्य इच्छाशक्ति से 550 से अधिक रियासतों को भारत में मिलाया, उसी भावना से उन्होंने कश्मीर को भी जोड़ना चाहा था। परंतु, तत्कालीन नेतृत्व की राजनीतिक सोच ने देश की एकता पर आघात किया।
मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने सिर्फ सत्ता ही नहीं, अंग्रेजों की गुलाम मानसिकता भी विरासत में ली। राष्ट्रीय एकता पर राजनीति हावी हो गई।” उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश ने फिर सरदार पटेल के दृष्टिकोण को साकार होते देखा, जब अनुच्छेद-370 हटाकर कश्मीर को पूर्ण रूप से मुख्यधारा में लाया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की कमजोर नीतियों के कारण पाकिस्तान आज भी कश्मीर के एक हिस्से पर अवैध कब्जा जमाए बैठा है और राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है।
अवैध घुसपैठ पर कड़ा रुख
मोदी ने अपने भाषण में जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने वाली अवैध घुसपैठ को भी गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के चलते इस मुद्दे पर आंखें मूंदे रखीं, लेकिन अब भारत हर घुसपैठिए को देश से बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
उन्होंने कहा, “ये अवैध प्रवासी देश के संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं और जनसांख्यिकीय संतुलन बिगाड़ रहे हैं। अब राष्ट्रहित सर्वोपरि होगा, न कि वोट बैंक की राजनीति।”
हर भाषा को बताया भारत की शक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रत्येक भाषा उसकी एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “कभी भी किसी एक भाषा को दूसरों पर थोपने का प्रयास नहीं हुआ। तमिल दुनिया की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है, संस्कृत ज्ञान का भंडार है—हर भारतीय भाषा हमारी पहचान है।”
अतीत की उपेक्षा पर कटाक्ष
मोदी ने सरदार पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसे नेताओं की उपेक्षा पर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक पार्टी और एक परिवार की राजनीति में दूसरों के योगदान को हाशिए पर रखा गया।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा राष्ट्रीय विभूतियों को सम्मान देने के प्रयासों का भी उल्लेख किया, जिनमें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, पंचतीर्थ, और प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर मुलायम सिंह यादव और प्रणब मुखर्जी को सम्मानित किया।
‘वंदे मातरम’ विवाद पर निशाना
मोदी ने कांग्रेस पर ‘वंदे मातरम’ गीत के एक अंश को धार्मिक कारणों से हटाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “जिस दिन कांग्रेस ने वंदे मातरम को तोड़ा, उसी दिन भारत के विभाजन की नींव रख दी गई।”