उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले सियासी उठापटक: धनखड़ की पीएम मोदी से अचानक मुलाकात पर उठे सवाल

उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होना है, क्योंकि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हो गया है। राज्यसभा के पूर्व सभापति के पद से इस्तीफा देने के बाद से धनखड़ सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं।

हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने जगदीप धनखड़ की गैरमौजूदगी को लेकर बयान दिया है, जो काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा है कि 21 जुलाई की शाम से जगदीप धनखड़ कहीं दिखाई नहीं दिए हैं, न सुने गए हैं और न ही उनके बारे में कोई खबर है। हालांकि तेलुगु मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री से 45 मिनट की मुलाकात की है। इस सबके बीच सवाल यह है कि असल में क्या चल रहा है?

शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भी इस मामले में सरकार से सवाल किया है। उन्होंने 10 अगस्त को अमित शाह को लिखा पत्र में पूछा है कि पूर्व उपराष्ट्रपति का पता नहीं चल पा रहा है, वे कहां हैं और उनका स्वास्थ्य कैसा है। राज्यसभा के कुछ सदस्यों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

उपराष्ट्रपति देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होते हैं और उनका कार्यकाल पांच साल का होता है। हालांकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे तब तक पद पर बने रह सकते हैं जब तक उनका उत्तराधिकारी पदभार ग्रहण नहीं करता। उपराष्ट्रपति स्वभावत: राज्यसभा के सभापति होते हैं और कोई अन्य वेतन भत्ता नहीं प्राप्त करते।

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