केंद्रीय मंत्री और मशहूर अभिनेता सुरेश गोपी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि उनका असली सपना फिल्मों में काम करना है, न कि मंत्री बनना। कन्नूर जिले में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव से एक दिन पहले उन्होंने ही साफ कर दिया था कि उन्हें मंत्री बनने की कोई लालसा नहीं है।

सुरेश गोपी ने कहा, "मैं अपना फिल्मी करियर जारी रखना चाहता हूं। मंत्री पद के साथ कई जिम्मेदारियां और मुश्किलें जुड़ी होती हैं। मेरी आय का एक बड़ा हिस्सा मेरे बच्चों और परिवार की जरूरतों को पूरा करता है। इसलिए मेरा स्रोत बंद नहीं होना चाहिए, लेकिन फिलहाल यह लगभग बंद हो चुका है।"

उन्होंने अपने मंत्री बनने की वजह भी साझा की। सुरेश गोपी ने याद किया कि उन्होंने 28 अक्टूबर 2016 को जल्दीबाजी में पार्टी की सदस्यता ली थी। उस समय पार्टी ने छह महीने के भीतर सदस्य बनने की शर्त रखी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री पद इसलिए मिला क्योंकि वे केरल से जनता द्वारा चुने गए पहले सांसद हैं और पार्टी ने इस जनादेश का सम्मान किया।

सुरेश गोपी ने आगे कहा कि अगर उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए और सी. सदानंदन मास्टर को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए, तो यह केरल की राजनीति में नया अध्याय होगा। उनके इस बयान से राज्य की राजनीतिक हलचल में नए समीकरणों और बदलाव की चर्चाओं को बढ़ावा मिला है।