बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) योजना को लेकर सियासी तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। बहस के दौरान बात इतनी बढ़ गई कि मार्शलों को बीच-बचाव के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। कार्यवाही खत्म होने के बाद भी दोनों पक्षों के विधायक आपस में उलझते रहे।
हंगामे के दौरान भाजपा विधायक संजय कुमार ने माइक तोड़ दिया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संजय कुमार पर आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। तेजस्वी का कहना था कि भाजपा के सदस्यों ने उनके साथ-साथ उनके माता-पिता और बहन के लिए भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
तेजस्वी का आरोप: भाजपा सदस्यों ने परिवार को अपशब्द कहे
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका भाषण बार-बार बाधित किया जा रहा था और सदन के भीतर उनके माता-पिता को अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन लगातार अभद्रता की गई। उन्होंने अध्यक्ष से आग्रह किया कि सदन की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की जाए। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री ने अपशब्द कहे और अब सत्ता पक्ष के विधायक वही दोहरा रहे हैं।
तेज प्रताप यादव का तीखा बयान
तेजस्वी यादव के भाई और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर वे सदन में मौजूद होते तो "सम्राट चौधरी का बुखार छुड़ा देते।" उन्होंने चौधरी को आपराधिक छवि वाला व्यक्ति बताया और कहा कि वे अब राजनीतिक रूप से अपना सम्मान खो चुके हैं।
SIR योजना पर सियासी टकराव तेज
SIR को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव का माहौल पहले दिन से ही बना हुआ है। मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया। जैसे ही दूसरी पाली की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। सदन में बार-बार व्यवधान उत्पन्न होने के कारण कोई ठोस चर्चा संभव नहीं हो पाई।