नई दिल्ली। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति की उस टिप्पणी का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की और भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि उन्हें ऐसी किसी बातचीत की जानकारी नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई टेलीफोन वार्ता हुई थी, तो उन्होंने कहा, "मुझे कल दोनों नेताओं के बीच किसी बातचीत की जानकारी नहीं है।" मंत्रालय ने गुरुवार को यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता हमेशा अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में अपने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा रही है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर भारत का रुख
जायसवाल ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हालिया संघर्ष पर भारत का रुख भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि तीन बातें स्पष्ट हैं: पहला, पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता और उनके कृत्यों को प्रायोजित करता है। दूसरा, पाकिस्तान अपनी आंतरिक असफलताओं के लिए पड़ोसी देशों को दोष देता है। तीसरा, पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रों पर संप्रभु अधिकार का प्रयोग कर रहा है। भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि काबुल में भारत का एक तकनीकी मिशन कार्यरत है और आने वाले दिनों में एम्बेसी में इसके संचालन का संक्रमण (ट्रांजिशन) पूरा कर लिया जाएगा।